Mallikarjun Kharge: लद्दाख के श्योक नदी में जलस्तर के बढ़ जाने के कारण 5 जवान शहीद हो गए हैं। दरअसल, शुक्रवार की रात से लद्दाख के दौलत बेग ओल्डी इलाके में सैन्य अभ्यास चल रहा था। इसमें भारतीय सेना के T-72 टैंक का अभ्यास चल रहा था। उसी दौरान दो टैंक एक साथ श्योक नदी को पार कर रहे थे। नदी को पार करने के दौरान नदी का जलस्तर बढ़ गया। इस दौरान एक टैंक तो किसी तरह निकल गया, लेकिन दूसरा टैंक श्योक नदी के अंदर ही फंस गया। इस घटना को लेकर कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शोक व्यक्त किया है।
जवानों की शहादत पर मल्लिकार्जुन खरगे ने जताया दु:ख
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने लद्दाख में श्योक नदी में अचानक आई बाढ़ के कारण टी-72 टैंक के डूब जाने से पांच सैनिकों की मौत होने पर शनिवार को गहरा दुख व्यक्त किया। खरगे ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘लद्दाख में टी-72 टैंक को नदी पार कराते समय एक जेसीओ (जूनियर कमीशंड ऑफिसर) सहित भारतीय सेना के पांच बहादुरों की मौत होने की घटना से बहुत दुखी हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस दर्दनाक त्रासदी के चलते जान गंवाने वाले सेना के जवानों के परिवारों के प्रति हम संवेदना व्यक्त करते हैं। देश दुख की इस घड़ी में अपने बहादुर सैनिकों की अनुकरणीय सेवा को एकजुट होकर सलाम करता है।’’
Deeply distressed at the loss of lives of 5 Indian Army bravehearts, including a JCO, while getting a T-72 tank across a river in Ladakh.
Our heartfelt condolences to the families of the Army personnel who fell victim to this painful tragedy.
In this hour of grief, the nation…
— Mallikarjun Kharge (@kharge) June 29, 2024
कैसे हुए हादसा?
लद्दाख के न्योमा-चुशुल क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास श्योक नदी में शुक्रवार देर रात अचानक आई बाढ़ के कारण टी-72 टैंक पर सवार एक ‘जूनियर कमिशंड ऑफिसर’ समेत पांच सैन्यकर्मी डूब गए। बता दें कि रात के अभ्यास के दौरान पानी के अंदर से टैंक के निकलने की प्रक्रिया को फोर्डिंग कहते हैं। रात में टैंक के अभ्यास के दौरान जैसे ही जवानों ने देखा कि दूसरा टैंक पानी में डूब रहा है। उसी दौरान दो जवान पहले टैंक की तरफ भागे और उन्होंने उसे बचाने की कोशिश की। उसी दौरान पहले T-72 टैंक जिसके अंदर एक जेसीओ और दो जवान मौजूद थे, वे पूरी तरह पानी में डूब गए। दो और जवानों ने उन्हें बचाने की कोशिश की। इस तरह हादसे में जेसीओ समेत कुल 5 जवान शहीद हो गए।