लखनऊ: राजधानी में 78 बच्चे राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सलामी देंगे। ये बच्चे साल भर पहले तक सड़क किनारे, चौराहों, मंदिरों और मॉल के सामने भीख मांगते थे, लेकिन अब इनकी जिंदगी बदल चुकी है। अब वे स्कूलों में पढ़ाई करते हैं। इस वक्त बच्चे 26 जनवरी की परेड की रिहर्सल कर रहे हैं। बच्चों की आंखों में आईएएस, डॉक्टर और कमांडो बनने के सपने हैं। बच्चे कहते हैं कि जो पहले पैसे मांगने पर गाली देकर भगा देते थे, आज वही लोग ताली बजा रहे हैं।
26 जनवरी की परेड में शामिल होने के लिए इन बच्चों को ‘उम्मीद संस्था’ द्वारा तैयार किया गया है। बच्चों का दो ग्रुप है। पहले ग्रुप में 41 बच्चे हैं, ये सांस्कृतिक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। दूसरे ग्रुप में 37 बच्चे हैं, जो ब्रास बैंड के साथ नजर आएंगे।
मुश्किल था बच्चों के माता-पिता को समझाना
उम्मीद संस्था की अध्यक्ष आराधना का कहना है कि शुरुआत में जब इन बच्चों से बात करने जाती तो ये डर कर भाग जाते। ये खौफ में थे कि कहीं पुलिस के हवाले न कर दें। माता-पिता को समझाने के लिए भी काफी संघर्ष करना पड़ा। बस्तियां में पहुंचकर इनके माता-पिता को समझाई। काम मुश्किल था, लेकिन अब सफलता मिल गई है। इन बच्चों में 5 बच्चे ऐसे हैं, जो क्राइस्ट चर्च स्कूल में पढ़ रहे हैं। यह अपने आप में सफलता है।
आराधना का कहना है कि जिस कॉन्वेंट स्कूल में आम आदमी के बच्चों को एडमिशन नहीं मिलता, वहां भीख मांगने वाले बच्चे पढ़ रहे हैं। हमारा प्रयास है कि कोई भी बच्चा भीख न मांगे, इसलिए इन बच्चों को पढ़ा-लिखा कर इतना आत्मनिर्भर बना रहे कि अन्य भीख मांगने वाले बच्चों की ये मदद कर सकें।