नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार (2 जून) को तिहाड़ जेल में सरेंडर करने से पहले पार्टी ऑफिस में कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि एग्जिट पोल फर्जी हैं।
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि राजस्थान में लोकसभा की 25 सीटें हैं, लेकिन एक एग्जिट पोल ने बीजेपी को 25 में से 33 सीटें दे दी हैं, हालांकि ये भी हो सकता है कि ऊपर से आया हो कि बीजेपी को ज्यादा सीटें देनी हैं। उन्होंने कहा कि इन्हें चुनाव के नतीजों से तीन दिन पहले फर्जी एग्जिट पोल कराने की क्या जरूरत थी?
एग्जिट पोल को लेकर गिनाईं चार थ्योरी
अरविंद केजरीवाल ने एग्जिट पोल को लेकर चार थ्योरी गिनाईं। उन्होंने कहा कि एक थ्योरी ये चल रही है कि इन्होंने मशीनों का घोटाला कर दिया, लेकिन मैं इंडिया ब्लॉक की सभी पार्टियों से कहना चाहता हूं कि अपने-अपने काउंटिंग एजेंट से कहें कि पूरी तरह से सतर्क रहें। आखिरी तक अगर हार भी रहे हैं तो उठकर न आएं। केजरीवाल ने कहा कि सभी बूथों पर ईवीएम मशीन की 5 फीसदी पर्चियां उठाई जाती हैं, उन 5 फीसदी ईवीएम की पर्चियों की मैचिंग VVPAT की स्लिप से कराई जाती है, वीवीपीएटी पर जो स्लिप होती है, उसकी काउंटिंग होती है। अगर इसका मिलान न हो तो वहां चुनाव रद्द कर दिया जाता है। अगर आपने ये चेकिंग कर ली तो ईवीएम का घोटाल हम बचा सकते हैं। उन्होंने कहा कि आखिर तक ईवीएम औऱ वीवीपीएटी की मैचिंग करानी है।
केजरीवाल ने कहा कि दूसरी थ्योरी ये चल रही है कि एग्जिट पोल में इन्होंने इतनी ज्यादा सीटें इसलिए दिखाईं क्योंकि, इनके लोगों ने शेयर मार्केट में काफी इन्वेस्ट कर रखा है, कल जब शेयर मार्केट खुले तो बंपर आंकड़ा छुए तो ये अपने शेयर बेचकर निकल जाएं।
तीसरी और चौथी थ्योरी जानें
सीएम केजरीवाल ने तीसरी थ्योरी गिनाते हुए कहा कि अगले तीन दिन में अफसरशाही पर दबाव डालने के लिए, उनसे उल्टे सीधे काम कराने के लिए एग्जिट पोल के जरिए एक माहौल बना दिया गया है कि हम ही आ रहे हैं तो हमारी बात मानो। आप संयोजक ने कहा कि चौथी थ्योरी ये चल रही है कि अगर एग्जिट पोल वालों ने कल ही कम सीटें दिखा दी होतीं तो हो सकता है कि इन दोनों के खिलाफ आरएसएस और बीजेपी में कल ही बगावत शुरू हो जाती है, 4 जून तक इंतजार नहीं होता।
पार्टी ऑफिस में केजरीवाल ने कहा कि हमें चौकन्ना रहना है। मेरा मानना है कि 4 जून को इनकी सरकार नहीं बन रही है। एग्जिट पोल से घबराने की जरूरत नहीं है। ये आपके साथ माइंड गेम खेल रहे हैं। ये आत्मविश्वास रखना है कि आप जीत रहे हैं। ये चुनाव किसी पार्टी या नेता विशेष के लिए नहीं हैं, ये चुनाव देश को बचाने के लिए है।