लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशवासियों को धनतेरस और दीपोत्सव की शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि साढ़े सात वर्ष पहले उत्तर प्रदेश के सामने पहचान का संकट खड़ा हो गया था। प्रदेश की पहचान दंगे, दुर्दांत माफिया, माफिया गिरोह, राजनीति के अपराधीकरण और शासन के भ्रष्टाचार के रूप में हो गई थी। पर्व और त्योहार नजदीक आते ही लोगों के मन में डर रहता था कि कब कहां दंगा हो जाए। वहीं, आज प्रदेश दंगा और अराजकता मुक्त हो गया है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि पहले निवेशक निवेश नहीं करना चाहता था, जिसने निवेश भी किया तो वह अपना कारोबार समेट कर भागने की फिराक में रहता था। आज 40 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। ये निवेश प्रस्ताव उत्तर प्रदेश की बदलती तस्वीर और विकास की गाथा बयां कर रहे हैं। वे एक मीडिया समूह के कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
10 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव तैयार
सीएम योगी ने कहा कि वैश्विक निवेशक सम्मेलन में आए प्रस्ताव में से 12 लाख करोड़ की परियोजनाओं की ग्राउंड ब्रेकिंग हो चुकी है। वहीं 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव तैयार हैं। शेष पर लगातार काम चल रहा है। सीएम ने कहा कि यह केवल निवेश नहीं है बल्कि प्रदेश के नौजवानों की नौकरी की संभावनाओं को आगे बढ़ाने वाला अवसर है। वर्ष 2029 तक प्रदेश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप दस खरब डालर अर्थव्यवस्था के रूप में खुद को स्थापित करेगा।
उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में निवेश और टूरिज्म के लिए अनुकूल माहौल बना है। यह केवल पॉलिसी और ईज आफ डूइंग बिजनेस से नहीं हुआ है बल्कि इसके लिए प्रदेश सरकार को चरणबद्ध तरीके से कार्य करना पड़ा था। इसमें जीरो टॉलरेंस नीति की अहम भूमिका रही है। यही वजह है कि आज कोई भी माफिया और अपराधी कानून के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकता है।
सरकार को प्रमाण की जरूरत नहीं है
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, अगर वह सोचता भी है तो कानून उसकी गर्दन पकड़ने का काम करेगा। इसी का नतीजा है कि प्रदेश में हर किसी को सुरक्षा का माहौल मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के लिए 28 सेक्टर की अलग-अलग पॉलिसी बनाईं हैं। निवेश मित्र एक साथ 450 एनओसी जारी कर रहे हैं। प्रदेश सरकार ने जो कहा था, वह आज करके दिखा दिया है। इसके लिए सरकार को प्रमाण देने की जरूरत नहीं है, परिणाम सबके सामने है।