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एनसीसी मानद कर्नल रैंक, कर्नल कमांडेट पद से विभूषित हुईं कुलगुरु प्रो. नीलिमा गुप्ता      

एनसीसी मानद कर्नल रैंक, कर्नल कमांडेट पद से विभूषित हुईं कुलगुरु प्रो. नीलिमा गुमा
  • एनसीसी से मिला सम्मान डॉ. सर हरीसिंह गौर के आशीर्वाद का प्रतीक है: प्रो. नीलिमा गुप्ता

सागर: एनसीसी आपके चरित्र निर्माण और जीवन शैली में अहम भूमिका निभाती है. यह आपको कर्तव्यनिष्ठ बनाती है, जिससे आप राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभाकर देश का भविष्य बना सकते हैं. एनसीसी आपको पंख देती है, उड़ने का काम आपको स्वयं करना होगा. ये बातें मेजर जनरल एके महाजन ने डॉ. हरीसिंह गौर विवि (सागर) के स्वर्ण जयन्ती सभागार में कहीं.

बता दें कि विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयन्ती सभागार में कुलगुरु प्रो. नीलिमा गुप्ता को मानद कर्नल रैंक और एनसीसी के कर्नल कमांडेंट पद से विभूषित करने के लिए ‘पिपिंग सेरेमनी (Pipping Ceremony) का आयोजन किया गया था. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में एनसीसी निदेशालय (मप्र, छत्तीसगढ़) के अतिरिक्त महानिदेशक मेजर जनरल एके महाजन ने शिरकत की.

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एनसीसी से मिला सम्मान डॉ. सर हरीसिंह गौर के आशीर्वाद का प्रतीक

पिपिंग सेरेमनी को संबोधित करते हुए कुलगुरु प्रो. नीलिमा गुप्ता कहा, मुझे अत्यंत प्रसन्नता और गौरव महसूस हो रहा है कि मुझे राष्ट्रीय कैडेट कोर के मानद कर्नल कमान्डेंट का रैंक प्रदान कर सम्मानित किया जा रहा है. यह सम्मान मेरे लिए महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि आपका विश्वास और समर्थन अत्यधिक मूल्यवान है और मैं इस भूमिका को अत्यधिक सम्मान और प्रतिबद्धता के साथ स्वीकार करती हूं. उन्होंने कहा, ‘यह सम्मान केवल मेरा नहीं, बल्कि डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय और डॉ. सर हरीसिंह गौर के आशीर्वाद का प्रतीक है. यह हमारे कुलाधिपति के आत्मीय सहयोग, हमारे शिक्षकों की समर्पण भावना और हमारे छात्रों की उत्सुकता को भी दर्शाता है. हम सबने मिलकर एक ऐसा वातावरण निर्मित और विकसित किया है जो नेतृत्व, अनुशासन और उत्कृष्टता को बढ़ावा देता है.’

एनसीसी मानद कर्नल रैंक, कर्नल कमांडेट पद से विभूषित हुईं कुलगुरु प्रो. नीलिमा गुमा

उन्होंने कहा, इस संस्था में अपने कार्यकाल के दौरान, विवि और एनसीसी कैडेट्स के विकास-उन्नति में अर्थपूर्ण योगदान देने के लिए स्वयं को समर्पित करने का प्रयास किया है. हमारे कैडेट्स को प्रतिष्ठित शिविरों जैसे गणतंत्र दिवस शिविर (आरडीसी) और अखिल भारतीय बल सैनिक शिविर (एआईटीएससी) में भाग लेते हुए मार्गदर्शन, समर्थन और प्रोत्साहित करना मेरे लिए सौभाग्य की बात रही है. मुझे अत्यंत गर्व है कि इस वर्ष 2024 में हमारे छह कैडेट्स का चयन आरडीसी के लिए हुआ और 4 कैडेट्स एआईटीएससी में चयनित हुए. हमारे मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ निदेशालय ने ‘जजिग डिस्टेंस एंड फील्ड सिग्नल’ इवेंट में चौथा स्थान हासिल किया. इसके अतिरिक्त हमारे एक कैडेट ने एआईटीएससी में सेवा शूटिंग इवेंट में स्वर्ण पदक भी जीता.’

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एनसीसी केवल एक संगठन नहीं है, यह एक जीवन शैली

उन्होंने कहा, हमारे एनसीसी कैडेट्स को उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए देखना और उनके कठोर परिश्रम-समर्पण को सराहना मिलते देखना, अत्यंत सतोषजनक रहा है. इसके अलावा उनकी मावलंकर शिविर, आईएमए अटैचमेंट कैंप, उन्नत नेतृत्व शिविर, माउंटेनियरिंग कैंप और राष्ट्रीय एकीकरण शिविर में भागीदारी में उन्हें अनमोल अनुभव प्रदान किए हैं. इन अवसरों ने उन्हें आवश्यक कौशल अर्जित करने और उन्हें निखारने में सक्षम बनाया है जो निसंदेह उनके भविष्य के प्रयासों में उनकी सहायता करेंगे।

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उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर में हमारे कैडेट्स को सेना भर्ती की तैयारी में सहायता करने के लिए एक नए बाधा प्रशिक्षण क्षेत्र (शिवाजी आब्सटेकल कोर्स) शुरू किया जा रहा है. यह एक चुनौतीपूर्ण कोर्स है, जिसमें मानसिक और शारीरिक दृढ़ता, दोनों की आवश्यकता होती है. उन्होंने कहा कि एनसीसी केवल एक संगठन नहीं है, बल्कि यह एक जीवन शैली है जो आपको पूरी तरह से एक समग्र व्यक्तित्व व्यक्ति में परिवर्तित करता है. एनसीसी की वर्दी पहनना न केवल गर्व की बात है, बल्कि यह देश के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक भी है. राष्ट्रीय कैडेट कोर, राष्ट्रीय गर्व और शक्ति का एक स्तंभ है। राष्ट्र निर्माण, व्यक्तिगत विकास और सामाजिक समरसता में इसका योगदान अमूल्य है. एनसीसी विविधता में एकता के सिद्धांत को अपनाता है, जो विभिन्न पृष्ठभूमियों से आए व्यक्तियों को एक सामान्य उद्देश्य के लिए एकत्र करता है.

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चरित्र निर्माण और जीवन शैली में एनसीसी की अहम भूमिका: मेजर जनरल एके महाजन

वहीं, मेजर जनरल एके महाजन ने कुलपति प्रो. नीलिमा गुम्रा की अकादमिक उपलब्धियों की प्रशंसा करते हुए उन्हें कर्नल की पदवी से सम्मानित होने पर बधाई भी दी. उन्होंने कहा, ‘क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी, सचिन तेंदुलकर जैसे अन्य नामचीन व्यक्तियों की सूची में कुलपति प्रो. नीलिमा गुम्रा का नाम भी जुड़ गया है जिन्हें कनीत की उपाधि से नवाजा गया है.’ उन्होंने एनसीसी सागा यूनिट के एनसीसी कैडेट्स की राष्ट्रीय प्रतिभागिता और उच्च प्रदर्शन की सराहना की. उन्होंने बताया कि वर्तमान में एनसीसी कैडेट्स की सख्या 17 लाख है और आगे आने वाले समय में यह 25 लाख होने वाली है. एनसीसी विश्व की सबसे बड़ी युवा पातटिया सेवा संस्था है. आजादी के पूर्व एनसीसी को रोकड लाइन ऑफ डिफेन्ना के रूप में स्वीकृत किया गया जो आर्मी, नेवी और एयरफोर्स में सहायक भूमिका निभाती रही है.

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उन्होंने कहा, 1962 के युद्ध के बाद भारतीय थल सेना का विस्तार होना आरम्भ हुआ और इसके बाद एनसीसी पूर्ण रूप से राष्ट्र निर्माण के प्रति प्रतिबद्ध संस्था के रूप में आई. उन्होंने कहा कि देश का भविष्य शिक्षाविदों के हाथ में है और वे अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए राष्ट्र के भविष्य को उज्जवल बना सकते हैं. उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रधानमंत्री, रक्षामंत्री और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पूर्व एनसीसी कैडेट्स रह चुके हैं.

उत्कृष्टता, नेतृत्व और सेवा का सम्मान: कुलाधिपति

वहीं, विश्वविद्यालय के कुलाधिपति कन्हैयालाल बेरवाल ने इस अवसर पर कहा कि मेरे लिए अत्यंत प्रसन्नता और सम्मान की बात है कि मैं कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता को एनसीसी के मानद कर्नल कमांडेंट के रूप में सम्मानित करने के अवसर का साक्षी बन रहा हूं. यह केवल एक व्यक्तित्व उपलब्धि का उत्सव नहीं है अपितु उनकी उत्कृष्टता, नेतृत्व और सेवा का भी सम्मान है. कुलपति के रूप में प्रो. गुप्ता का कार्यकाल उनकी दूरदर्शी सोच और छात्रों के बीच शैक्षणिक और नेतृत्व कौशल को प्रोत्साहित करने के प्रति उनकी समर्पित प्रतिबद्धता का प्रमाण है. उन्होंने कहा कि डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय ने अभूतपूर्व प्रगति की है. एनसीसी कैडेट्स को अपने प्रशिक्षण और विकास में उत्कृष्टता प्राप्त करने में सक्षम बनाने और प्रोत्साहन में उनकी बड़ी भूमिका है.

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