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पोलैंड में बोले पीएम मोदी- रणभूमि में नहीं हो सकता किसी भी समस्या का समाधान

पोलैंड में बोले पीएम मोदी- रणभूमि में नहीं हो सकता किसी भी समस्या का समाधान

नई दिल्ली: भारत के प्रधानमंज्ञी नरेंद्र मोदी पोलैंड की यात्रा पर हैं। पीएम मोदी का यहां भव्य स्वागत हुआ और उन्होंने भारतीय समुदाय के लोगों से मुलाकात भी की है। वहीं, गुरुवार को पीएम मोदी और पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने साझा बयान भी जारी किया है। पीएम मोदी ने इस दौरान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में योगदान के लिए अपने पोलिश समकक्ष डोनाल्ड टस्क की प्रशंसा की है। वहीं, पीएम मोदी ने पोलैंड से रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर भी बड़ा बयान दिया है।

पीएम मोदी ने पोलैंड की कंपनियों को आमंत्रित किया

पीएम मोदी ने पोलैंड में कहा कि इस वर्ष हम अपने राजनयिक संबंधों की सत्तरवीं वर्षगांठ मना रहे हैं। इस अवसर पर हमने संबंधों को रणनीतिक साझेदारी में बदलने करने का निर्णय लिया है। हम पोलैंड की कंपनियों को ‘मेक इन इंडिया एंड मेक फोर द वर्ल्ड’ से जुड़ने के लिए आमंत्रित करते हैं। भारत और पोलैंड अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भी करीबी तालमेल के साथ आगे बढ़ते रहे हैं। हम दोनों सहमत हैं कि वैश्विक चुनौतियोंका सामना करने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ तथा अन्य अंतराष्ट्रीय संस्थानों में रिफॉर्म वर्तमान समय की मांग है।

रूसयूक्रेन युद्ध पर क्या बोले पीएम मोदी?

पीएम मोदी ने रूस-यूक्रेन के बीच जारी जंग पर चिंता जाहिर की है। पीएम मोदी ने कहा कि यूक्रेन और पश्चिम एशिया में चल रहा संघर्ष हम सभी के लिए गहरी चिंता का विषय है। भारत का ये दृढ़ विश्वास है कि किसी भी समस्या का समाधान रणभूमि में नहीं हो सकता। किसी भी संकट में मासूम लोगों की जान की हानि संपूर्ण मानवता के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गई है। हम शांति और स्थिरता की जल्द से जल्द बहाली के लिए बातचीत और कूटनीति का समर्थन करते हैं।

भारतीय छात्रों को निकालने के लिए आभार जताया

पीएम मोदी ने कहा है कि आज का दिन भारत और पोलैंड के संबंधों में विशेष महत्व रखता है। आज 45 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने पोलैंड का दौरा किया है। मेरे तीसरे कार्यकाल की शुरूआत में ही मुझे ये सौभाग्य मिला है। इस अवसर पर मैं पोलैंड की सरकार और यहां के लोगों का विशेष आभार व्यक्त करता हूं। पीएम मोदी ने पोलैंड को धन्यवाद देते हुए कहा कि साल 2022 में यूक्रेन संकट के दौरान फंसे हुए भारतीय छात्रों को निकालने के लिए आपने जो उदारता दिखाई, उसे हम भारतवासी कभी नहीं भूल सकते हैं।

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