उत्तर प्रदेश, होम

मानसून की बारिश से पूर्वी यूपी की नदियों में आया उफान, बढ़ा जलस्तर

मानसून की बारिश से पूर्वी यूपी की नदियों में आया उफान, बढ़ा जलस्तर

UP Weather Update: पूर्वी उत्तर प्रदेश में मानसून की पहली बारिश के बाद से ही नदियां उफान पर आ गई हैं. पिछले 12 से 24 घंटे में घाघरा के बाद राप्‍ती और रोहिन का जलस्तर भी तेजी के साथ बढ़ रहा है. नेपाल में लगातार हो रही बारिश की वजह से पहाड़ों पर बहने वाली नदियों का जलस्‍तर बढ़ने की वजह से पूर्वी यूपी में नदियों का जलस्‍तर तेजी के साथ बढ़ा है. भारी बारिश और नेपाल के साथ भारत के तराई इलाके में नदियों में उफान की वजह से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है.

बता दें कि पूर्वी यूपी में दो दिनों से लगातार हो रही बारिश हो रही है. नेपाल के पहाड़ों पर बारिश का असर भी यहां दिखाई दे रहा है. पहाड़ी नदियों का जलस्तर बढ़ने की वजह से पूर्वी यूपी की नदियां भी उफान पर आ गई हैं. बुधवार 3 जुलाई को सुबह 8:00 बजे की रिपोर्ट के मुताबिक घाघरा नदी अयोध्या पुल पर खतरा बिंदु 92.73 से 3.25 आरएल मीटर नीचे बह रही है. 16 घंटे में घाघरा अयोध्या पुल पर 0.05 आरएल मीटर चढ़ान पर है.

बारिश के बाद नदियां उफान पर

घाघरा तुर्तीपार में खतरा बिंदु 64.01 से चार आरएल मीटर नीचे बह रही है. घाघरा तुर्तीपार में 16 घंटे में 0.19 आरएल मीटर की रफ्तार से बढ़ी है. राप्ती नदी 24 घंटे पहले उफान पर रही है. 3 जुलाई की सुबह 8:00 की रिपोर्ट के मुताबिक राप्ती बर्डघाट पर खतरा बिंदु 74.98 से 2.85 आरएल मीटर नीचे बह रही है. खतरे की बात यह है कि राप्ती 16 घंटे में 0.36 आरएल मीटर की स्पीड से बढ़ रही है.

रोहिन और कुआनो नदी की भी गति बढ़ी

गोरखपुर में बहने वाली रोहिन नदी त्रिमुहानी घाट पर खतरा बिंदु 82.44 से 3.43 आरएल मीटर नीचे बह रही है. लेकिन रोहिन बीते 16 घंटे में 0.34 आरएल मीटर की स्पीड से बढ़ रही है. गोरखपुर के दक्षिण में बहने वाली कुआनो नदी मुखलिसपुर में खतरा बिंदु 78.65 से 3.82 आरएल मीटर नीचे बह रही है. कुआनो लगातार चढ़ान पर है. बीते 16 घंटे में कुआनो नदी मुखलिसपुर में 1.67 आरएल मीटर की खतरनाक गति से चढ़ान पर है.

गुर्रा नदी भी खतरे के बिंदु पास

गुर्रा नदी पिंडरा में खतरा बिंदु 70.50 से 4.1 मीटर नीचे बह रही है. गुर्रा 16 घंटे में पिंडरा में 0.2 आरएल मीटर चढ़ने पर हैं. पूर्वी यूपी में जहां लगातार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है, तो वहीं पूर्वी यूपी की तेजी से बढ़ती नदियां खतरे की घंटी बज रही हैं. ऐसे में ग्रामीण इलाकों में संवेदनशील गांव में बाढ़ चौकियों को एक्टिव करने के साथ ही सुरक्षा के अन्य इंतजाम करने भी जरूरी है.

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *