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Volodymyr Zelenskyy: PM Modi के निमंत्रण पर जल्द भारत आएंगे राष्ट्रपति जेलेंस्की

Volodymyr Zelenskyy: PM Modi के निमंत्रण पर जल्द भारत आएंगे राष्ट्रपति जेलेंस्की

Volodymyr Zelenskyy: यूक्रेन के राजदूत ओलेक्जेंडर पोलीशचुक ने पुष्टि की कि राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की जल्द ही भारत का दौरा करने वाले हैं। दोनों देशों के बीच तारीख तय करने का काम चल रहा है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आमंत्रण के बाद संभव हो रहा है। पोलिशचुक ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने जेलेंस्की को भारत आने का निमंत्रण दिया है। दोनों पक्ष इस पर काम कर रहे हैं और उम्मीद है कि राष्ट्रपति जेलेंस्की निश्चित रूप से भारत आएंगे। यह हमारे द्विपक्षीय संबंधों में एक बड़ी उपलब्धि होगी। हम एक सटीक तारीख पर सहमति बनाने की कोशिश कर रहे हैं। यह बात यूक्रेन के राष्ट्रीय ध्वज दिवस पर बातचीत के दौरान कही।

भारत को शांति वार्ताओं में महत्वपूर्ण साथी मानता है यूक्रेन

उन्होंने कहा कि यूक्रेन भारत को शांति वार्ताओं में एक महत्वपूर्ण साथी मानता है, क्योंकि भारत के रूस के साथ गहरे संबंध हैं। उन्होंने कहा कि यूक्रेन को युद्ध को खत्म करने में भारत की अधिक भागीदारी की उम्मीद है। पोलिशचुक ने कहा कि युद्ध के शांतिपूर्ण समाधान के दृष्टिकोण से भारत की स्थिति मेल खाती है। उन्होंने कहा, भारत शांति और संवाद का समर्थन करता है। सभी पक्षों और रूस के साथ बातचीत का समर्थन करता है, ताकि यूक्रेन में शांति स्थापित हो सके। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के पहले के बयान का भी जिक्र किया कि भारत तटस्थ नहीं है बल्कि शांति और संवाद के पक्ष में मजबूती से खड़ा है।

2023 के बाद बेहतर हुए भारत और यूक्रेन के संबंध

यूक्रेनी राजदूत ने बताया कि भारत और यूक्रेन के संबंध 2023 के बाद बेहतर हुए हैं और दोनों देश भविष्य में रणनीतिक साझेदारी के अवसर की तलाश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, भारत और यूक्रेन के बीच भविष्य की रणनीतिक साझेदारी के बारे में मेरा मानना है कि हमारे पास इसकी क्षमता है। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले एक साल में भारत ने यूक्रेन के साथ बहुत गहरी बातचीत की है और प्रधानमंत्री मोदी व राष्ट्रपति जेलेंस्की संयुक्त राष्ट्र में कई बार मिले हैं। कूटनीतिक प्रयासों पर टिप्पणी करते हुए पोलिशचुक ने कहा कि कीव बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन रूस यह रूस के रुख और पश्चिम के समर्थन पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा, अमेरिका हमारे सबसे बड़े समर्थकों में से एक है। हमारे राष्ट्रपति ने अलास्का की बैठक के बाद स्पष्ट संदेश दिया कि हम बातचीत के लिए तैयार हैं।

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