नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (17 सितंबर) को गणेश पूजा विवाद पर पहली बार बयान दिया है। विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि नफरत भरी सोच पर अंकुश जरूरी है। मेरी गणेश पूजा से कुछ लोगों को दिक्कत है। समाज को बांटने वालों को पूजा से परेशानी है। पीएम ने ओडिशा के भुवनेश्वर में ये बयान दिया।
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुप्रीम कोर्ट मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ के घर पर गणेश पूजा में शिरकत किए थे। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर तस्वीर जारी की थी। सीजेआई के कार्यक्रम में पीएम मोदी का पहुंचना विपक्षी पार्टियों को रास नहीं आया। शिवसेना (UBT) और कांग्रेस ने इसे महाराष्ट्र चुनाव से जोड़ दिया।
पीएम मोदी का कहना है कि आज भी समाज को बांटने और तोड़ने में लगे सत्ता के भूखे लोगों को गणेश पूजा से परेशानी हो रही है। मैंने गणेश पूजा में हिस्सा लिया तो कांग्रेस और उसके ईकोसिस्टम के लोगों को दिक्कत हो गई। समाज को बांटने वालों को गणेश उत्सव से परेशानी हो रही है। वे इसलिए भड़के हुए हैं, क्योंकि मैंने गणपति पूजन में हिस्सा लिया और कर्नाटक में जहां इनकी सरकार है, वहां इन लोगों ने और बड़ा अपराध किया है। इन लोगों ने भगवान गणेश की प्रतिमा को ही सलाखों के पीछे डाल दिया। पूरा देश उन तस्वीरों से विचलित हो गया था। ये नफरती सोच समाज में जहर घोलने की मानसिकता है, जो हमारे देश के लिए बहुत खतरनाक है। इस नफरत भरी सोच पर अंकुश लगाना जरूरी है। ऐसी ताकतों को हमें आगे बढ़ने नही देना है।
गणेश उत्सव ने निभाई देश की आजादी में भूमिका
पीएम मोदी ने आगे कहा कि गणेश उत्सव हमारे देश के लिए सिर्फ आस्था का पर्व नहीं है। गणेश उत्सव ने हमारे देश की आजादी में बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी। जब सत्ता की भूख में अंग्रेज देश को बांटने में लगे थे, देश को जातियों के नाम पर लड़वाना, समाज में जहर घोलना, बांटो और राज करो उनका हथियार बन गया था। तब लोकमान्य तिलक ने गणेश उत्सव के सार्वजनिक आयोजनों के जरिए भारत की आत्मा को जगाया था। ऊंच, नीच, भेद-भाव… इन सब से ऊपर उठकर हमारा धर्म हमें जोड़ना सिखाता है।