उत्तर प्रदेश, राजनीति, होम

मतदाताओं से बदला ले रही सरकार, अखिलेश यादव ने ऐसा क्यों कहा, जानिए

मतदाताओं से बदला ले रही सरकार, अखिलेश यादव ने ऐसा क्यों कहा, जानिए

Akhilesh Yadav: उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड ने ग्रामीण आपूर्ति फीडरों को शहरी फीडर में बदलकर नगरीय दर से बिलिंग कराये जाने का आदेश जारी किया है। इस पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रतिक्रिया देते हुए इसे जनता की कमर तोड़ने की साजिश करार दिया है। दूसरी ओर, उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने इस मामले पर विद्युत नियामक आयोग में पावर कारपोरेशन निदेशक मंडल के खिलाफ अवमानना याचिका दाखिल करने और इस मामले को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संज्ञान में लाने का फैसला किया है।

मतदाताओं से बदला ले रही सरकार

बता दें कि सपा प्रमुख ने एक बयान में कहा कि लोकसभा चुनाव में अपनी हार से बौखलाई भाजपा की सरकार प्रदेश के मतदाताओं को हर तरह से परेशान करके बदला लेने पर उतारू हो गई है। उन्होंने कहा, ”राज्य में बिजली-पानी का संकट गहराता जा रहा है। लाखों परिवार बिलख रहे हैं। भाजपा सरकार इसके बाद भी बिजली दरें दोगुनी कर रही है। यह जनता की कमर तोड़ने की साज़िश है।”

दो करोड़ 85 लाख उपभोक्ता होंगे प्रभावित

अखिलेश यादव ने कहा, ”वैसे भी कानून के तहत ग्रामीण फीडर के शहरी फीडर में परिवर्तन की घोषणा का अधिकार मुख्यमंत्री का है। क्या पावर कारपोरेशन ने मुख्यमंत्री का अधिकार भी अधिग्रहित कर लिया है? राज्य के ग्रामीण इलाकों को मिलने वाली बिजली को महंगी करने की साजिश के तहत ग्रामीण फीडर को शहरी फीडर में बदलने से उपभोक्ताओं को दो रुपये प्रति यूनिट बिजली महंगी मिलेगी। इस फैसले से करीब दो करोड़ 85 लाख उपभोक्ता प्रभावित होंगे।”

ये जनता के साथ धोखा है

उन्होंने कहा, ”ग्रामीण इलाकों में घरेलू उपभोक्ताओं को 3.35 रूपये यूनिट की दर से बिजली की कीमत चुकानी होती है। अगर पावर कारपोरेशन का निर्णय लागू हो गया तो ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं को भी शहरी इलाकों की तरह साढ़े पांच रूपए प्रति यूनिट के हिसाब से चुकाना होगा। जनता के साथ यह धोखा है।”

अभी लागू नहीं हुआ आदेश

दरअसल, उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड के निदेशक मंडल ने शुक्रवार को विद्युत आपूर्ति के आधार पर ग्रामीण फीडर को शहरी फीडर में तब्दील करके नगरीय दर पर बिलिंग करने का आदेश दिया था। हालांकि, अभी यह लागू नहीं किया गया है। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने इस आदेश को असंवैधानिक बताते हुए इसके खिलाफ विद्युत नियामक आयोग में याचिका दायर करने का फैसला किया है।

आदेश पूरी तरह से गलत

परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने एक बयान में कहा कि निदेशक मंडल द्वारा पारित आदेश पूरी तरह गलत और असंवैधानिक है। उपभोक्ता परिषद मंगलवार को इस मामले पर विद्युत नियामक आयोग में अवमानना याचिका लगाएगा और इस पूरे मामले के बारे में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संज्ञान में भी लाया जाएगा।

ये आदेश सब्सिडी व्यवस्था का उल्लंघन

वर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार ग्रामीण घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं व किसानों को सस्ती बिजली देने के लिये लगभग 14 हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी देती है। ऐसे में पावर कारपोरेशन का आदेश सब्सिडी व्यवस्था का उल्लंघन है। सबसे बडा उल्लंघन यह है कि जब देश में उपभोक्ता अधिकार अधिनियम-2020 लागू है और सबको 24 घंटे विद्युत आपूर्ति का प्रावधान है तो फिर विद्युत आपूर्ति के नाम पर शहरी बिलिंग का आदेश क्यों किया गया है।

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *