कोलकाता: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल में 8-9 अगस्त की रात ट्रेनी डॉक्टर से दुष्कर्म और मर्डर के दोषी संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। सोमवार (20 दिसंबर) को सियालदह कोर्ट के जज अनिर्बान दास ने सजा सुनाते हुए कहा कि ‘यह रेयरेस्ट ऑफ रेयर मामला नहीं है। मौत की सजा नहीं दी सकती।’
जस्टिस दास ने पश्चिम बंगाल सरकार को निर्देश दिया कि वे पीड़ित परिवार को 17 लाख रुपये मुआवजा दे। हालांकि, परिवार ने इसे लेने से इनकार कर दिया। फैसला सुनाने से पहले दोपहर 12:30 बजे कोर्ट ने दोषी संजय, सीबीआई और पीड़ित परिवार की बातें सुनीं। संजय से कहा कि यह बताया जा चुका है कि तुम किन अपराधों के दोषी हो।
संजय के परिवार ने कही ये बात
अदालत ने 18 जनवरी को संजय को दोषी ठहराया था। घटना के 164वें दिन (20 जनवरी) सजा पर 160 पेज का फैसला सुनाया। CBI और पीड़ित परिवार ने मौत की सजा मांगी थी। संजय के परिवार कहा कि भले ही फांसी हो। हम फैसले के खिलाफ अपील नहीं करेंगे। संजय की मां ने कहा कि मैं उस लड़की के मां-बाप का दुख समझती हूं, मेरी भी बेटियां हैं।
फैसले का आधार फॉरेंसिक रिपोर्ट
सियालदह कोर्ट ने घटनास्थल की फॉरेंसिक रिपोर्ट को सजा का आधार बनाया, जिससे संजय रॉय के इस मामले में शामिल होने के सबूत मिले। घटनास्थल और पीड़ित डॉक्टर की बॉडी पर भी संजय का DNA मिला था। फैसले के बाद दोषी संजय ने कहा था, ‘मुझे इस मामले में फंसाया गया है। मैंने यह काम नहीं किया। जिन्होंने ये काम किया है, उन्हें जाने दिया गया। एक IPS इसमें शामिल है। मैं रुद्राक्ष की माला पहनता हूं और अगर मैंने अपराध किया होता तो यह टूट जाती।’
पिछले साल 8-9 अगस्त की रात ट्रेनी डॉक्टर की रेप के बाद हत्या हुई
आरजी कर हॉस्पिटल में 8-9 अगस्त की रात ट्रेनी डॉक्टर का रेप-मर्डर हुआ था। 9 अगस्त की सुबह डॉक्टर की लाश सेमिनार हॉल में मिली थी। CCTV फुटेज के आधार पर पुलिस ने संजय रॉय नाम के सिविक वॉलंटियर को 10 अगस्त को अरेस्ट किया था। घटना को लेकर कोलकाता समेत देशभर में प्रदर्शन हुए। बंगाल में 2 महीने से भी ज्यादा समय तक स्वास्थ्य सेवाएं ठप रही थीं।