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साउथ अफ्रीका से टेस्‍ट सीरीज हार के बाद गौतम गंभीर बोले- मेरा फैसला BCCI करेगा

साउथ अफ्रीका से टेस्‍ट सीरीज हार के बाद गौतम गंभीर बोले- मेरा फैसला BCCI करेगा

स्‍पोर्ट्स डेस्‍क: साउथ अफ्रीका ने दो टेस्ट मैचों की सीरीज में भारत का 2-0 से सफाया कर दिया है। गुवाहाटी टेस्ट के पांचवें दिन यानी बुधवार को 549 रन के टारगेट का पीछा कर रही टीम इंडिया अपनी दूसरी पारी में 140 रन पर ऑलआउट हो गई। साउथ अफ्रीका ने मैच 408 रन से जीत लिया।

भारत 93 साल के अपने टेस्ट इतिहास में पहली बार 400 रनों से ज्यादा के अंतर से हारा है। यह पिछले एक साल में भारतीय टीम की घरेलू मैदान पर 7 टेस्ट में पांचवीं हार है। इस दौरान दो बार भारत को घर में क्लीन स्वीप होना पड़ा है। अक्टूबर-नवंबर 2024 में न्यूजीलैंड ने भारत को तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में 3-0 से हराया था।

कोच गंभीर ने ली हार की जिम्‍मेदारी

भारतीय क्रिकेट टीम के कोच गौतम गंभीर ने घरेलू सीरीज में साउथ अफ्रीका से हार की जिम्मेदारी ली है। उन्होंने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जिम्मेदारी सबसे पहले मुझ पर आती है। गंभीर ने कहा, ‘किसी एक खिलाड़ी या किसी एक शॉट को दोष नहीं दिया जा सकता। जिम्मेदारी सभी की है और शुरुआत मुझसे होती है। मैंने कभी किसी खिलाड़ी को दोष नहीं दिया और आगे भी नहीं दूंगा।’

गंभीर से जब उनकी फ्यूचर कोचिंग के बारे में पूछा गया, तब उन्होंने कहा, मेरे भविष्य का फैसला BCCI करेगा। यह मत भूलिए कि मैंने ही इंग्लैंड में नतीजे दिए। मैं ही चैंपियंस ट्रॉफी जिताने वाला कोच था।’

टीम इंडिया का 13 महीने में दूसरी बार क्लीन स्वीप

गौतम गंभीर की कोचिंग में भारत ने 19 में से 10 टेस्ट हारे हैं। इनमें पिछले साल न्यूजीलैंड ने टीम इंडिया को घर में 3-0 और अब साउथ अफ्रीका ने 2-0 से क्लीन स्वीप किया। गंभीर को जुलाई 2024 में भारत का हेड कोच बनाया गया। उनकी कोचिंग में भारत को पिछले 13 महीने में अपने घर में दूसरी बार क्लीन स्वीप झेलना पड़ा है।

टीम इंडिया में लगातार बदलाव करने और टेस्ट क्रिकेट में विशेषज्ञ खिलाड़ियों की जगह ऑलराउंडर्स पर ज्यादा भरोसा करने के लिए गंभीर की आलोचना हो रही है।

गंभीर की कोचिंग पर सवाल उठाने वाले दो बयान

अनिल कुंबले बोले- इतने बदलाव जरूरी नहीं

दिग्गज स्पिनर और पूर्व कोच अनिल कुंबले ने कोच गौतम गंभीर की लगातार टीम में बदलाव करने की रणनीति पर कड़ा एतराज जताया। उन्होंने कहा, टेस्ट क्रिकेट अलग मेंटैलिटी मांगता है। इतने सारे ऑलराउंडर, इतने बदलाव, बैटिंग ऑर्डर में इतने फेरबदल… हर दूसरे मैच में नए खिलाड़ी और दो खिलाड़ियों को बाहर कर देना, यह नहीं चल सकता।

कुंबले ने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा, आप 1-2 अनुभवी खिलाड़ियों के साथ बाकी नए खिलाड़ियों से उम्मीद नहीं कर सकते कि वे खुद को ढूंढ लेंगे। टीम में स्थिरता जरूरी है।

वेंकटेश प्रसाद बोले- ऑलराउंडर्स के जुनून ने बर्बाद किया

पूर्व तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद ने ऑलराउंडर के जुनून को हार के लिए जिम्मेदार बताया। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा- भारत की टेस्ट क्रिकेट अप्रोच बेहद निराशाजनक है। ऑलराउंडर्स का जुनून पूरी तरह गलत है, खासकर जब आप उन्हें गेंदबाजी ही नहीं कराते। खराब रणनीति, खराब स्किल, खराब बॉडी लैंग्वेज… लगातार दो घरेलू सीरीज में व्हाइटवॉश। उम्मीद है यह बात यूं ही धुल नहीं जाएगी।

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