वॉशिंगटन: भारतीय मूल के कश्यप काश पटेल को अमेरिकी जांच एजेंसी फेडरल ब्यूरो ऑफ इनवेस्टीगेशन (FBI) का डायरेक्टर बनाया गया है। अमेरिकी संसद के ऊपरी सदन सीनेट ने उनकी नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। गुरुवार को वोटिंग के दौरान उन्हें 51-49 के मामली बहुमत से पद के लिए चुना गया। मंजूरी मिलने के बाद पटेल ने राष्ट्रपति ट्रम्प और अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया।
डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसदों के अलावा पटेल के विरोध में दो रिपब्लिकन सांसद सुसान कॉलिन्स और लिसा मुर्कोव्स्की दोमात्र ने भी वोट किया। विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसदों को इस बात का डर है कि काश पटेल पद संभालने के बाद डोनाल्ड ट्रम्प के आदेशों का पालन करेंगे और उनके विरोधियों को निशाना बनाएंगे।
अमेरिकी लोगों को नुकसान पहुंचाने वालों को पटेल की चेतावनी
सीनेट से मंजूरी के बाद पटेल ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट की। इस पोस्ट में उन्होंने कहा कि एफबीआई अमेरिकियों को नुकसान पहुंचाने वालों का इस ग्रह के हर कोने में पीछा करेगी। पटेल ने इसे चेतावनी की तरह लेने के लिए कहा। इसके अलावा काश पटेल ने लिखा कि एफबीआई की G-मेन से लेकर 9/11 हमले के बाद हमारे देश की सुरक्षा तक एक शानदार विरासत है। अमेरिकी लोग एक ऐसी FBI के हकदार हैं जो पारदर्शी, जवाबदेह और न्याय के लिए प्रतिबद्ध हो। हमारी न्याय प्रणाली के राजनीतिकरण ने जनता के भरोसे को खत्म कर दिया है। हम एक ऐसी FBI बनाएंगे, जिस पर लोग गर्व कर सकें।
गुजराती परिवार में जन्मे, माता-पिता युगांडा से भागे
काश पटेल भारतीय प्रवासी के बेटे हैं। उनका जन्म एक गुजराती परिवार में हुआ था। काश पटेल के माता-पिता युगांडा के शासक ईदी अमीन के देश छोड़ने के फरमान से डरकर 1970 के दशक में भागकर कनाडा के रास्ते अमेरिका पहुंचे थे। 1988 में पटेल के पिता को अमेरिका की नागरिकता मिलने के बाद एक एरोप्लेन कंपनी में नौकरी मिली।
साल 2004 में कानून की डिग्री हासिल करने के बाद जब पटेल को किसी बड़ी लॉ फर्म में नौकरी नहीं मिली तो उन्होंने एक सरकारी वकील के तौर पर काम करना शुरू कर दिया। हालांकि ड्रीम जॉब के लिए उन्हें 9 साल तक इंतजार करना पड़ा। काश पटेल 2013 में वॉशिंगटन में न्याय विभाग में शामिल हुए। यहां तीन साल बाद 2016 में पटेल को खुफिया मामले से जुड़ी एक स्थायी समिति में कर्मचारी के रूप में नियुक्त किया गया। इस विभाग के चीफ डेविड नून्स थे, जो ट्रम्प के कट्टर सहयोगी थे।