UP News: केंद्र के विभिन्न मंत्रालयों में संयुक्त सचिवों, उप सचिवों और निदेशकों के प्रमुख पदों पर जल्द ही 45 विशेषज्ञ नियुक्त किए जाएंगे। आमतौर पर ऐसे पदों पर यूपीएससी के तहत भरे जाते हैं, लेकिन इस बार इन पदों को अनुबंध के आधार पर ‘लेटरल एंट्री’ के जरिए भरा जाना है। इस पर आरक्षण को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। अब बसपा प्रमुख मायावती की प्रतिक्रिया आई है।
मायावती ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा- केंद्र में में संयुक्त सचिव, निदेश एवं उपसचिव के 45 पदों पर सीधी भर्ती का निर्णय सही नहीं है। क्योंकि सीधी भर्ती के माध्यम से नीचे के पदों पर काम कर रहे कर्मचारियों को पदोन्नति के लाभ से वंचित रहना पड़ेगा।
मायावती ने इसे गैर-कानूनी एवं असंवैधानिक बताया
बसपा प्रमुख ने लिखा- सरकारी नियुक्तियों में SC/ST और OBC वर्गों के लोगों को उनके कोटे के अनुपात में अगर नियुक्ति नहीं दी जाती है तो यह संविधान का सीधा उल्लंघन होगा। इन उच्च पदों पर सीधी नियुक्तियों को बिना किसी नियम के बनाए हुए भरना यह BJP सरकार की मनमानी होगी, जो कि गैर-कानूनी एवं असंवैधानिक होगा।
17 सितंबर तक होगा आवेदन
केंद्र द्वारा जारी किए गए विज्ञापन में कहा गया, ‘‘भारत सरकार संयुक्त सचिव और निदेशक/उप सचिव स्तर के अधिकारियों की ‘लेटरल एंट्री’ के जरिये नियुक्ति करना चाहती है। इस तरह, राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के आकांक्षी प्रतिभाशाली भारतीय नागरिकों से संयुक्त सचिव या निदेशक/उप सचिव के स्तर पर सरकार में शामिल होने के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं।’’
विभिन्न मंत्रालयों, विभागों में रिक्तियों को अनुबंध के आधार पर तीन साल की अवधि के लिए (प्रदर्शन के आधार पर पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है) भरा जाना है। इसके लिए यूपीएससी की वेबसाइट के माध्यम से 17 सितंबर तक आवेदन किए जा सकते हैं। गृह, वित्त और इस्पात मंत्रालयों में संयुक्त सचिवों के 10 पद हैं। कृषि एवं किसान कल्याण, नागर विमानन और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालयों में निदेशक/उप सचिव स्तर के 35 पद भरे जाएंगे।