नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी लाल किले से स्वतंत्रता दिवस के मौके पर यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) को लेकर सरकार का स्टैंड पूरी तरह क्लियर कर दिया. दिल्ली स्थित लाल किला से लगातार 11वीं बार देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने देश में यूसीसी कानून लाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि देश को कम्युनल नहीं, बल्कि इस वक्त सेक्युलर सिविल कोड की जरूरत है. अब इसको लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने प्रतिक्रिया दी है.
पीएम मोदी के यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) पर बयान को लेकर मुस्लिम समाज के लोग इस कानून का विरोध कर रहे हैं. ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से समान नागरिक संहिता की बात कही है, जिसे मुस्लिम समाज विरोध करता है.
पीएम मोदी के बयान पर मौलाना रजवी का पलटवार
मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की बात से भारत का मुसलमान संतुष्ट नहीं है. इसका मतलब यह है कि हर समाज हर धर्म के अपने-अपने जिंदगी गुजारने के उसूल होते हैं, जो समान नागरिक संहिता में नहीं आ सकते हैं. मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन यह सब जितने भी मजहब के मानने वाले हैं हर मतलब हर मजहब का अपना उसूल है. तो एक देश एक कानून हमारे भारत में लागू नहीं हो सकता हैं.
‘यूसीसी कानून लागू करने की कोशिश न करें’
भारत का मुसलमान प्रधानमंत्री की इस बात से इत्तेफाक नहीं रखता है और अगर यह लागू होता है तो फिर समाज का ताना बाना बिखर जाएगा. इतने बड़े हिंदुस्तान में जहां पर दुनिया के तमाम मजहब के मानने वाले रहते हैं और एक साथ संयुक्त रूप से रहते हैं, भाईचारे के साथ में रहते हैं. परिवार के जो रिश्ता बनता है वह टूट जाएगा बिखर जाएगा. इसलिए मैं प्रधानमंत्री से गुजारिश करूंगा समान नागरिक संहिता को लागू करने की कोशिश न करें. वहीं हिंदू समाज के लोगों का कहना है कि पीएम मोदी ने आज जो सेक्युलर सिविल कोड की बात कही है वो बिल्कुल सही है. लोगों का कहना है हम सभी एक छत के नीचे रहते हैं, इसलिए एक ही कानून होना चाहिए.