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Sawan में पार्थिव शिवलिंग की पूजा करने से पूरी होगी सभी मनोकामना, जानिए धार्मिक महत्व

Sawan में पार्थिव शिवलिंग की पूजा करने से पूरी होगी सभी मनोकामना, जानिए धार्मिक महत्व

Sawan: आज से भगवान शिव को प्रिय सावन महीना प्रारंभ हो चुका है और 19 अगस्त तक चलेगा। साथ ही आज सावन महीने का पहला सोमवार भी है। लिहाजा आज सावन में पड़ने वाले सोमवार का व्रत किया जायेगा। आज भगवान शिव के निमित्त व्रत कर, उनकी विशेष रूप से पूजा-अर्चना की जाती है। वैसे तो सावन का पूरा महीना ही शिव भक्ति के लिए समर्पित है लेकिन शास्त्रों में सावन महीने में पड़ने वाले सोमवार का बहुत अधिक महत्व बताया गया है।

सावन सोमवार का व्रत क्यों किया जाता है?

कहते हैं सावन के सोमवार को जो कन्याएं व्रत रख भगवान शिव की पूजा अर्चना करती हैं उनको सुयोग्य और मनचाहे वर की प्राप्ति होती है। साथ ही विवाहित महिलाएं अपने पति के साथ अपने रिश्ते को मजबूत बनाए रखने के लिए, उनके अच्छे स्वास्थ्य के लिए और उनके सुख समृद्धि के लिए भी सावन के सोमवार को व्रत रखतीं हैं। साथ ही पुरुष भी इस व्रत को कर सकते हैं। दरअसल सोमवार का प्रतिनिधि ग्रह चंद्रमा है, जो कि मन का कारक है और चंद्रमा भगवान शिव के मस्तक पर विराजित है। लिहाजा भगवान शिव स्वयं अपने भक्तों के मन को नियंत्रित करते हैं और उनकी इच्छाएं पूरी करते हैं और यही वजह है कि- सावन महीने में सोमवार के दिन का इतना महत्व है।

सावन में भगवान शिव के पार्थिव पूजन का महत्व

आज सावन महीने के प्रथम सोमवार के दिन पार्थिव पूजन करना आपके लिए बड़ा ही फलदायी साबित होगा। पार्थिव पूजन से यहां मतलब- मिट्टी का शिवलिंग बनाकर, उसकी विधि-पूर्वक पूजा करके और पूजा के बाद उसे विसर्जित कर देने से है। माहेश्वर तंत्र के अनुसार पार्थिव पूजन वास्तव में एक प्रकार की ध्यान विधि है, जहां सृष्टि की उत्पत्ति, स्थिति और संहार, एक ही अनुष्ठान का हिस्सा होते हैं।

मिट्टी से हम शिवलिंग बनाते हैं पूर्ण मनोयोग से उसे शिव मानकर उसकी उपासना करते हैं और पूजा के बाद अपने ही हाथों से उसे विसर्जित कर देते हैं। अपने ही निर्माण का ध्वंस या विसर्जन और वो भी ऐसा निर्माण, जिसे आपने अपना ईश्वर माना हो, ये काम हमें वह मानसिक स्थिति देता है, जिससे हम दृढ़ता के साथ जीवन में आने वाली हर परिस्थिति का सामना करते हैं या करने में सक्षम होते हैं।

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