BSP News: मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनन्द पर फिर भरोसा जताया है। मायावती ने आकाश आनन्द को फिर बसपा का नेशनल कॉर्डिनेटर बना दिया है। आकाश आनंद मायावती के उत्तराधिकारी बन गए हैं। इसके अलावा खबर ये भी है कि बहुजन समाज पार्टी यूपी में उपचुनाव लड़ेगी। बता दें कि मायावती ने पिछले महीने 7 मई को ही आकाश आनन्द को अपने उत्तराधिकारी और नेशनल कॉर्डिनेटर पद से हटा दिया था। तब मायावती ने कहा था कि आकाश आनन्द में मैच्योरिटी की कमी है।
#WATCH | Former Uttar Pradesh CM and BSP chief Mayawati holds a meeting with party workers in Lucknow. pic.twitter.com/b5bBrDlesv
— ANI (@ANI) June 23, 2024
लोकसभा चुनावों में हार की समीक्षा की
मायावती ने लखनऊ में लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार की समीक्षा की। मायावती ने पार्टी के सभी पदाधिकारियों की लखनऊ में बैठक बुलाई थी। इस बैठक में मायावती के भतीजे आकाश आनन्द भी पहुंचे थे और उन्होंने मायावती के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया था। लोकसभा चुनाव में आकाश आनन्द ने बसपा के प्रचार लिए कई रैली की थीं। लेकिन सीतापुर की एक रैली में आकाश आनन्द के बयान से मायावती नाराज हो गई थीं और उनके प्रचार पर रोक लगा दी थी। यही नहीं मायावती ने उन्हें नेशनल कॉर्डिनेटर की पोस्ट से भी हटा दिया था।
लोकसभा चुनाव में मायावती को एक भी सीट नहीं मिली और पार्टी का वोट शेयर भी गिर गया। बहुजन समाज पार्टी की हालत इससे समझी जा सकती है कि लोकसभा चुनाव में यूपी में कांग्रेस सिर्फ 17 सीट पर लड़ी और छह सीट जीती और 9.46 फीसदी वोट मिले। बसपा सभी 80 सीट पर लड़ी, एक भी सीट नहीं जीती और पार्टी को सिर्फ 9.19 फीसदी वोट मिले। मायावती चार बार यूपी की मुख्यमंत्री रहीं हैं। मायावती ने 2007 में यूपी में बहुमत की सरकार बनाई थी, लेकिन 2012 के बाद बसपा का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा।
कोई सीट नहीं जीत पाई बीएसपी
2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी का खाता भी नहीं खुला, 2017 विधान सभा चुनाव में 19 सीट जीती और 2022 के विधान सभा चुनाव में 403 सीट की विधान सभा में बसपा का सिर्फ एक विधायक बना और वोट शेयर 12.80 फीसदी रह गया। 2019 के लोकसभा चुनाव में मायावती ने अखिलेश यादव के साथ गठबंधन किया और दस सीट जीती, लेकिन 2024 लोकसभा चुनाव में मायावती अकेले लड़ी और उनका खाता भी नहीं खुला। यही नहीं मायावती का वोट बैंक माना जाना जाने वाला दलित वोट बड़ी तादाद में इंडिया गठबंधन के साथ चला गया। लोकसभा चुनाव में चन्द्रशेखर आजाद भी लोकसभा पहुंच गए। अब मायावती को डर है कि बचा हुआ दलित वोट भी शिफ्ट न हो जाये।