वाराणसी/अयोध्या: मौनी अमावस्या 2025 पर स्नान करने के लिए वाराणसी में 20 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे हैं। काशी में भक्तों के आने का सिलसिला भी लगातार जारी है। वहीं, सीमा क्षेत्र पर ही वाहनों को रोक दिया गया है। गंगा स्नान के लिए सबसे ज्यादा श्रद्धालु अस्सी घाट, तुलसी घाट, केदारघाटी, दशाश्वमेध, राजघाट पर हैं। ये लोग रात से ही यहां पहुंच गए थे। इसको लेकर पुलिस प्रशासन द्वारा पूरी व्यवस्थाएं की गई है। सभी घाटों पर बैरिकेटिंग की गई है। पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल के मुताबिक, मौनी अमावस्या पर करीब 50 लाख लोगों के आने का अनुमान है।
वाराणसी में बैनर-पोस्टर के जरिए आने वाले श्रद्धालुओं को जागरूक किया जा रहा है कि वह गहरे पानी में जाकर स्नान न करें। गंगा स्नान के लिए झारखंड, छत्तीसगढ़, बिहार, मध्य प्रदेश, दक्षिण भारत और अन्य राज्यों से लोग बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। वहीं, वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन पर ढाई लाख से ज्यादा भीड़ है। गोरखपुर, बलिया और सीवान बिहार से आने वाली ट्रेनें ठसाठस भरी हुईं हैं। ट्रेन के शौचालय तक में लोग बैठे हुए हैं।
ट्रेन में भीड़ के कारण अपनों से बिछड़े लोग
ट्रेन में लोगों को बैठने के लिए जगह नहीं मिल रही है। हालात ऐसे हैं कि कई परिवार के लोग बिछड़ गए। परिवार के कुछ सदस्य ट्रेन में घुस गए, लेकिन अन्य सदस्य छूट गए। जो ट्रेन में घुसा, वह बाहर नहीं आ पाया। यहां आरपीएसएफ, आरपीएफ, जीआरपी के जवान मुस्तैद हैं। साथ ही यात्रियों की भीड़ और सुरक्षा को देखते हुए सभी 9 प्लेटफार्म पर लगे स्क्लेटर बंद कर दिए गए हैं।
अयोध्या में भी जुटी भारी भीड़
वहीं, अयोध्या में प्रयागराज महाकुंभ में मची भगदड़ के बाद रैपिड एक्शन फोर्स की तैनाती कर दी गई है। भीड़ को देखते हुए हाई अलर्ट कर दिया गया है। बड़ी संख्या में पुलिस, सुरक्षाकर्मी श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए तिराहे, चौराहों और घाटों पर तैनात किए गए हैं। अयोध्या में सोमवार को ही स्नान करने के लिए लगभग 10 लाख लोग पहुंचे गए।
महाकुंभ में आये श्रद्धालु बड़ी संख्या में अयोध्या पहुंच रहे हैं। उनकी संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि को देखते हुए पास-पड़ोस के भक्तजनों से मेरा विनम्र निवेदन है कि यदि आप 15-20 दिन के बाद दर्शन हेतु पधारेंगे तो बहुत दूर से आने वाले भक्त आसानी से रामलला के दर्शन कर पाएंगे। pic.twitter.com/wb0MiFq5hF
— Champat Rai (@ChampatRaiVHP) January 28, 2025
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने आसपास के भक्तों से बाद में अयोध्या आने की अपील की है। उनका कहना है कि आसपास के जिलों के भक्त 10-15 दिन बाद भी अयोध्या आ सकते हैं। अगर वो ऐसा करते हैं तो आसाम, बंगाल, मिजोरम, नगालैंड, त्रिपुरा, ओडिशा, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा जैसे दूर-दराज के इलाके के भक्त प्रयागराज आए हैं, उन्हें आसानी से अयोध्या में दर्शन मिल सकेंगे।