उत्तर प्रदेश, राजनीति

Mahakumbh के लिए 45 दिन में चलेंगी 13 हजार ट्रेनें, बिना लाइन में लगे मिलेगा टिकट

महाकुम्भ 2025: सीसीटीवी और एआई कैमरों से होगी एक-एक श्रद्धालु की गिनती

प्रयागराज: महाकुंभ 2025 (Mahakumbh 2025) के लिए भारतीय रेलवे 45 दिन में 13 हजार ट्रेन चलाएगा। तीन हजार विशेष ट्रेनें रहेंगी, जबकि 10 हजार ट्रेनें नियमित हैं। महाकुंभ की तैयारियों का जायजा लेने पहुंचे केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार (8 दिसंबर) को पहले वाराणसी और फिर प्रयागराज में यह घोषणा की।

रेलमंत्री ने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ के लिए चार रिंग रेल सर्किल बनाई गई है। इनमें वाराणसी-प्रयागराज, प्रयागराज-अयोध्या, अयोध्या-काशी और प्रयागराज सर्किल शामिल है। देश के विभिन्न राज्यों के 50 शहरों से प्रयागराज के लिए स्पेशल ट्रेनों का संचालन होगा। उन्‍होंने बताया कि महाकुंभ के दौरान देश के कोने-कोने से प्रयागराज की सीधी कनेक्टिविटी रहेगी। इस दौरान लंबी दूरी के चेन्नई, मुंबई समेत 50 शहरों से प्रयागराज के लिए आरक्षित ट्रेनें चलेंगी। रेलमंत्री ने बताया कि महाकुंभ के दौरान इस बार एक और विशेष इंतजाम किया जा रहा है।

बनाए गए 23 यात्री आश्रय स्‍थल

संगम नगरी के रेलवे स्टेशनों पर बने फुटओवर ब्रिज पर यात्रियों का क्रॉस मूवमेंट न हो इसके लिए पुल पर एक दिशा से दूसरी दिशा की ओर से ही यात्री जा सकेंगे। सभी स्टेशनों पर यह व्यवस्था रहेगी। पिछले वर्ष अयोध्या में आयोजित प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद वहां उमड़ी भीड़ को देखते हुए अयोध्या रेलवे स्टेशन पर कलर कोडिंग की गई थी। यही व्यवस्था प्रयागराज के भी सभी स्टेशनों पर रहेगी। कलर कोड के हिसाब बसे ही यात्री दिशावार यात्रा के लिए सुनिश्चित प्लेटफॉर्म पर पहुंचेंगे। यात्री आश्रय स्थल भी चार अलग रंग के रहेंगे। उदाहरण के लिए अगर किसी यात्री को लखनऊ जाना है तो उसे जंक्शन के नीले रंग के आश्रय स्थल से प्रवेश करना होगा। यात्री का टिकट भी नीले रंग का ही होगा। आश्रय स्थल से प्लेटफॉर्म तक जाने वाले रास्ते पर भी नीले रंग के संकेतक लगे होंगे। रेलमंत्री ने बताया कि संगम नगरी के स्टेशनों पर कुल 23 यात्री आश्रय स्थल बनाए गए हैं।

यात्रियों को लाइन में लगे बिना मिलेगा टिकट

महाकुंभ के दौरान रेलवे यात्रियों को बिना लाइन में लगे जनरल टिकट मुहैया कराएगा। सभी स्टेशनों के आश्रय स्थल व प्रतीक्षालय आदि में रेलकर्मी मोबाइल टिकटिंग मशीन के माध्यम से यात्रियों को उनके गंतव्य का टिकट उपलब्ध कराएंगे। इसके अलावा मोबाइल एप के माध्यम से भी यात्री जनरल टिकट ले सकेंगे। 554 अनारक्षित टिकट काउंटर भी बनाए गए हैं।

18 हजार RPF और GRP के जवान रहेंगे तैनात

महाकुंभ मेला अवधि में 18 हजार आरपीएफ और जीआरपी के जवानों की तैनाती रहेगी। इसमें आरपीएफ के जवानों की संख्या आठ हजार और जीआरपी के जवानों की संख्या दस हजार रहेगी। इसके अलावा रेलवे के 13 हजार अधिकारी और कर्मचारी पूरे देश से यहां तैनात किए जा रहे हैं। इसमें काफी संख्या में ऐसे कर्मचारी भी हैं जो हिंदी, अंग्रेजी के साथ दक्षिण भारतीय, पंजाबी, बंगाली, मराठी, गुजराती आदि भाषा भी बोल सकते हैं।

तैयार की गई 12 भाषाओं की बुकलेट

महाकुंभ के दौरान तमाम राज्यों से श्रद्धालु प्रयागराज आएंगे। इनमें से तमाम ऐसे भी होंगे, जिन्हें हिंदी नहीं आती। ऐसे यात्रियों की सहूलियत के लिए रेलवे प्रशासन ने तमिल, कन्नड़, उड़िया, मलयालम, मराठी समेत 12 क्षेत्रीय भाषाओं की एक पॉकेट बुकलेट तैयार कराई है।

लंबी दूरी के इन शहरों से प्रयागराज आएंगी आरक्षित ट्रेनें

गुवाहाटी, रंगापाड़ा नॉर्थ, मुंबई सीएसटी, नागपुर, पुणे, सिकंदराबाद, गुंटूर, नांदेड़, विशाखापट्टनम, भुवनेश्वर, पुरी, संबलपुर, कन्याकुमारी, तिरुवनंतपुरम नॉर्थ, चेन्नई सेंट्रल, हावड़ा, डॉ. अंबेडकरनगर, वापी, अहमदाबाद, राजकोट, वडोदरा, वलसाड, भावनगर, जयनगर, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, धनबाद, पटना, गया, रक्सौल, सहरसा, बेलागवी, मैसूर, उदयपुर सिटी, बाड़मेर, टाटानगर, रांची आदि।

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