नई दिल्ली: साल 2024 में इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई है। सैलरीड क्लॉस को जून के अंत तक एम्पलॉयर की तरफ से फॉर्म-16 (Form-16) जारी कर दिया जाएगा। इसके बाद आपके पास आईटीआर फाइल करने के लिए एक महीने या इससे ज्यादा का समय रहेगा।
मोदी सरकार की तरफ से मिडिल क्लॉस को आयकर से राहत देने के लिए समय-समय पर कई कदम उठाए गए हैं, लेकिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से पिछले साल की गई घोषणा ने टैक्सपेयर्स को सबसे ज्यादा फायदा दिया है।
सात लाख से ज्यादा की आमदनी वालों का क्या होगा?
1 फरवरी, 2023 को वित्त मंत्री ने बजट भाषण के दौरान न्यू टैक्स रिजीम के तहत 7 लाख रुपये तक की आमदनी पर किसी तरह का टैक्स नहीं देने की घोषणा की थी। सरकार की तरफ से दी गई आयकर छूट का फायदा सबसे ज्यादा सैलरीड क्लॉस को मिला है। इस घोषणा को करने के बाद उन्होंने कहा था कि स्टैंडर्ड डिडक्शन के साथ हर साल 7.50 लाख रुपये तक की आमदनी वालों को किसी प्रकार का टैक्स नहीं देना होगा। उन्होंने इस नियम को लागू करने के बाद कहा था कि लोगों में इस बात को लेकर संदेह था कि 7 लाख रुपये से ज्यादा की इनकम वालों का क्या होगा?
उन्होंने बताया कि इसके बाद हम एक टीम के रूप में बैठे और डिटेल में गए। हमने यह पता लगाया कि कोई भी व्यक्ति हर अतिरिक्त 1 रुपये के लिए किस लेवल पर टैक्स भरता है। 7.27 लाख रुपये तक के लिए आप किसी प्रकार का टैक्स नहीं देते, केवल 27,000 रुपये पर ब्रेक ईवन आता है। इसके बाद आप टैक्स देना शुरू करते हैं। वित्त मंत्री ने यह भी बताया था कि आपके पास 50,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन भी है। न्यू टैक्स रिजीम को लेकर लोगों की इस शिकायत को भी सरकार ने दूर किया है।
न्यू टैक्स रिजीम क्या है?
न्यू टैक्स रिजीम (New Tax Regime) को सरकार की ओर से पहली बार वित्त वर्ष 2020-21 में पेश किया गया था। इसमें टैक्स की दर कम है, लेकिन कुछ टैक्स कटौतियों और छूट को इसके तहत खत्म कर दिया गया है। इसके तहत पिछले साल से 50,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन भी शामिल है। इसमें सालाना 0-3 लाख तक की आमदनी पर कोई टैक्स नहीं है। इसके बाद 3 से 6 लाख पर 5 प्रतिशत, 6 से 9 लाख तक 10 प्रतिशत, 9 से 12 लाख पर 15 प्रतिशत, 12 से 15 लाख पर 20 प्रतिशत और 15 लाख से ज्यादा की आमदनी पर 30 प्रतिशत टैक्स चुकाना होता है।
ओल्ड टैक्स रिजीम क्या है?
ओल्ड टैक्स रिजीम में ढाई लाख रुपये तक की सालाना आमदनी पर किसी प्रकार का टैक्स नहीं देना होता। इसके अनुसार टैक्सपेयर्स की सालाना 2.5 लाख से 5 लाख रुपये तक की आमदनी पर 5% के हिसाब से टैक्स देना होगा। अगर सालान इनकम 5 लाख से 10 लाख है तो 20 प्रतिशत के हिसाब से टैक्स देना होगा, लेकिन 10 लाख रुपये से ज्यादा की आमदनी पर 30 प्रतिशत टैक्स लगाया जाएगा। लेकिन, इसके तहत आपको कई अलग-अलग तरह के टैक्स बेनिफिट मिलते हैं।