लेह: केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर बुधवार (24 सितंबर) को लेह में हिंसक प्रदर्शन हुआ। छात्रों की पुलिस और सुरक्षाबलों से झड़प हो गई। इसमें चार लोगों की मौत हो गई और 70 से ज्यादा लोग घायल हैं। प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने पुलिस पर पत्थरबाजी की।
इसके अलावा भाजपा ऑफिस और सीआरपीएफ की गाड़ी में आग लगा दी। ये छात्र सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक के समर्थन में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वांगचुक पिछले 15 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे थे। मांगें पूरी न करने के विरोध में प्रदर्शनकारियों ने आज बंद बुलाया था। इसी दौरान हिंसा हुई।
अनशन तोड़ा, प्रदर्शन रोकने की मांग
हिंसा के बाद सोनम वांगचुक ने अनशन तोड़ते हुए कहा, यह लद्दाख के लिए दु:ख का दिन है। हम पांच साल से शांति के रास्ते पर चल रहे थे। अनशन किया, लेह से दिल्ली तक पैदल चलकर गए। आज हम शांति के पैगाम को असफल होते हुए देख रहे हैं। हिंसा, गोलीबारी और आगजनी हो रही है। मैं लद्दाख की युवा पीढ़ी से अपील करता हूं कि इस बेवकूफी को बंद करें। हम अपना अनशन तोड़ रहे हैं, प्रदर्शन रोक रहे हैं। हम चाहते हैं कि प्रशासन अपना दबाव छोड़ दें। युवा भी हिंसा रोक दें, हमारी यही अपील है। हम लद्दाख और देश में अस्थिरता नहीं आने देना चाहते।
प्रदर्शनकारियों की 4 प्रमुख मांग
- लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा।
- 6वीं अनुसूची के तहत संवैधानिक सुरक्षा।
- कारगिल और लेह अलग लोकसभा सीट।
- सरकारी नौकरी में स्थानीय लोगों की भर्ती।
इन्हीं मांगों को लेकर अगली बैठक दिल्ली में 06 अक्टूबर को होगी। साल 2019 में अनुच्छेद 370 और 35A हटाते समय जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो केंद्र शासित प्रदेश बनाए गए थे। सरकार ने उस समय ही राज्य के हालात सामान्य होने पर पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने का भरोसा दिया था।
कैसे भड़की हिंसा?
सोशल मीडिया से भीड़ जुटाई
आंदोलनकारियों ने मंगलवार रात को 24 सितंबर को लद्दाख बंद बुलाने का आह्वान किया था। भीड़ जुटाने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया गया। लोगों से लेह हिल काउंसिल पहुंचने की अपील की। इसका असर दिखा और बड़ी तादाद में लोग पहुंचे।
पुलिस-प्रदर्शनकारियों की झड़प
लेह हिल काउंसिल के सामने आंदोलनकारियों को रोकने के लिए बैरिकेड्स लगा रखे थे। जब आंदोलन कारी आगे बढ़े तो पुलिस ने आंसू गैस छोड़ी, लेकिन भीड़ ने पुलिस की गाड़ी जलाई और तोड़फोड़ की।
लेह में बिना अनुमति जुलूस, रैली, मार्च पर बैन
प्रदर्शन के बाद जिला मजिस्ट्रेट ने आदेश जारी किया कि लेह में पहले से लिखित अनुमति के बिना कोई जुलूस, रैली या मार्च नहीं निकाला जाएगा।जिले में पांच या अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता बोले- केंद्र मांग को अनसुना कर रहा
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता शेख बशीर अहमद ने कहा, “यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। हमारा मानना है कि 5 अगस्त 2019 के फैसले को लेह या जम्मू-कश्मीर के लोगों ने स्वीकार नहीं किया। दुख की बात है कि लोग सिर्फ अब ही विरोध नहीं कर रहे हैं, बल्कि तब से मांग कर रहे हैं जब उनका क्षेत्र यूनियन टेरिटरी बना था। वे पांचवीं अनुसूची लागू करने और विधायी अधिकार देने की मांग करते रहे हैं। जब इन मांगों को अनसुना किया गया, तो कुछ लोगों ने कथित रूप से ऑफिस में आग लगाई और हिंसा की, जिससे यह स्थिति बनी।”
#WATCH | Jammu, J&K: On youth protest in Leh, National Conference leader Sheikh Bashir Ahmad says, "This is very unfortunate. We believe that the decision of August 5, 2019, was not accepted by the people of Leh or the people of J&K… Unfortunately, they are not protesting only… pic.twitter.com/xxL6S08c1C
— ANI (@ANI) September 24, 2025
NC विधायक बोले- लद्दाख के साथ गलत हो रहा
नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक तनवीर सादिक ने कहा, “यह बहुत दुख की बात है कि सब कुछ गलत तरीके से संभाला जा रहा है। जिस तरह से जम्मू-कश्मीर को संभाला जा रहा है, उसी तरह लद्दाख के साथ भी गलत हो रहा है। हालांकि यह सच है, हम हिंसा की निंदा करते हैं और उम्मीद करते हैं कि दिल्ली में बैठी केंद्र सरकार लद्दाख के लोगों के साथ बैठकर बातचीत करेगी।”
#WATCH | Srinagar, J&K: On youth protest in Leh, National Conference MLA Tanvir Sadiq says, "It is very unfortunate that everything has been mishandled. The way J&K is being mishandled, Ladakh is also being mishandled in a similar way. While this is true, we condemn violence and… pic.twitter.com/6LjKcGMbLZ
— ANI (@ANI) September 24, 2025