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कुलपति ने किया केंद्रीय ग्रंथालय का निरीक्षण, छात्रों के लिए की आधुनिक सुविधाओं की घोषणा

कुलपति ने किया केंद्रीय ग्रंथालय का निरीक्षण, छात्रों के लिए की आधुनिक सुविधाओं की घोषणा

गोरखपुर: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो पूनम टंडन ने विश्वविद्यालय के केंद्रीय ग्रंथालय का निरीक्षण किया। इस दौरान उनके साथ विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।  निरीक्षण के उपरांत कुलपति ने ग्रंथालय में विद्यार्थियों, शोधार्थियों एवं प्राध्यापकों के लिए आधुनिक, समृद्ध और उपयोगी सुविधाओं से युक्त व्यापक नवीनीकरण योजना की घोषणा की।

ग्रंथालय में बढ़ाई जाएगी तकनीकी और भौतिक सुविधाएं

कुलपति ने कहा कि मुख्य वाचनालय में वातानुकूलन की सुविधा प्रदान की जाएगी, जिससे ग्रीष्मकाल में भी विद्यार्थियों को शांति व एकाग्रता से अध्ययन हेतु अनुकूल वातावरण प्राप्त हो सकेगा। वाचनालय को पूरी तरह पुनः डिज़ाइन किया जाएगा, जिसमें नवीन बैठक व्यवस्था, उन्नत प्रकाश व्यवस्था और आकर्षक आंतरिक सज्जा सम्मिलित होगी। स्वागत कक्ष और शौचालयों का नवीनीकरण स्वच्छता और सुविधा को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा। शोधार्थियों और प्राध्यापकों के लिए एक पृथक ट्रेसिंग रूम की स्थापना की जाएगी, जो अनुसंधान व लेखन कार्य हेतु शांत और सुविधा सम्पन्न वातावरण प्रदान करेगा। विभिन्न पाठ्यक्रमों के टॉपर्स की उत्तर पुस्तिकाओं का संग्रह कक्ष भी बनाया जाएगा, जिससे अन्य छात्र उत्कृष्ट उत्तर लेखन शैली को समझ सकें।

प्रतियोगी छात्रों और शोधार्थियों के लिए होंगी विशेष सुविधाएं

प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के लिए एक विशेष अध्ययन कक्ष तैयार किया जाएगा, जिसमें उपयोगी संदर्भ सामग्री और अभ्यास प्रश्नपत्र उपलब्ध रहेंगे। डिजिटल संसाधनों में वृद्धि करते हुए ई-बुक्स, ऑनलाइन डेटाबेस और कंप्यूटर सिस्टम्स की सुविधा को और मजबूत किया जाएगा। साथ ही, पूरे ग्रंथालय के आंतरिक क्षेत्र का सौंदर्यीकरण कर उसे स्वच्छ, प्रेरणादायक और सौंदर्ययुक्त बनाया जाएगा।

कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने कहा, हमारा प्रयास है कि विश्वविद्यालय का ग्रंथालय केवल पुस्तकों का भंडार न रहकर एक जीवंत और प्रेरक अध्ययन केंद्र बने, जो शैक्षणिक उत्कृष्टता की दिशा में विद्यार्थियों और शिक्षकों का पथप्रदर्शन करे। यह नवीनीकरण कार्य चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा ताकि ग्रंथालय की नियमित सेवाएं बाधित न हों। विश्वविद्यालय प्रशासन इस कार्य को शीघ्रातिशीघ्र पूर्ण करेगा।

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