वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार (22 जनवरी) को H-1B वीजा पर भारतीयों के लिए बड़ी राहत की घोषणा की। एनवाईटी के अनुसार, ट्रंप ने कहा कि ये वीजा बंद नहीं होंगे। अमेरिका को टैलेंट की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमें सिर्फ इंजीनियर ही नहीं चाहिए, अन्य जॉब्स के लिए भी बेस्ट प्रोफेशनल्स आने चाहिए। ये अमेरिकियों को ट्रेनिंग भी देंगे।
H-1B पर जारी बहस को लेकर पूछे गए सवाल पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि मैं पक्ष-विपक्ष के तर्कों को लेकर सहमत हूं। अभी अमेरिका को जो टैलेंट चाहिए, वह इस वीजा प्रोग्राम से ही मिल सकता है। अमेरिका में इस हाई स्किल वीजा को पाने वालों में भारतीय पहले नंबर पर हैं। साल 2024 में जारी कुल 2 लाख 80 हजार H-1B में से भारतीयों को करीब 2 लाख वीजा मिले थे।
पीएम मोदी और ट्रंप की हो सकती है मुलाकात
वहीं, अगले महीने वॉशिंगटन में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात हो सकती है। एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत और अमेरिका के डिप्लोमैट्स ने इसके लिए द्विपक्षीय तैयारियां तेज कर दी हैं। बैठकों का दौर चल रहा है।
क्या है H-1B वीजा?
H-1B नॉन-इमीग्रेंट वीजा होता हैं, जिसके तहत अमेरिकी कंपनियों को विशेष तकनीकी दक्षता वाले पदों पर विदेशी पेशेवरों को नियुक्त करने की अनुमति होती है। इस वीजा के जरिए टेक्नोलॉजी सेक्टर की कंपनियां हर साल भारत और चीन जैसे देशों से हजारों वर्कर्स की नियुक्ति करती हैं।
H-1B वीजा आमतौर पर उन लोगों के लिए जारी किया जाता है, जो किसी खास पेशे (जैसे-IT प्रोफेशनल, आर्किट्रेक्टचर, हेल्थ प्रोफेशनल आदि) से जुड़े होते हैं। ऐसे प्रोफेशनल्स जिन्हें जॉब ऑफर होता है, उन्हें ही ये वीजा मिल सकता है। यह पूरी तरह से एम्पलॉयर पर डिपेंड करता है। यानी अगर एम्पलॉयर नौकरी से निकाल दे और दूसरा एम्पलॉयर ऑफर न करे तो वीजा खत्म हो जाएगा।