नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र का बुधवार (27 नवंबर) को दूसरा दिन है। लोकसभा में सुबह 11 बजे कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने अडाणी मुद्दे पर हंगामा किया। लोकसभा स्पीकर ने सदन को 12 बजे तक स्थगित कर दिया। राहुल गांधी ने संसद के बाहर कहा कि अडाणी पर अमेरिका में 2 हजार करोड़ की रिश्वत देने का आरोप है। उन्हें जेल में होना चाहिए। मोदी सरकार उन्हें बचा रही है।
दरअसल, 21 नवंबर को यूनाइटेड स्टेट्स अटॉर्नी ऑफिस की ओर से कहा गया था कि अडाणी ने भारत में सोलर एनर्जी से जुड़ा कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को 265 मिलियन डॉलर (करीब 2200 करोड़ रुपए) की रिश्वत दी या देने की योजना बना रहे थे।
अडाणी ग्रुप ने रिश्वत के आरोपों को किया खारिज
इस पर बुधवार को अडाणी ग्रुप ने साफ किया है कि चेयरमैन गौतम अडाणी, उनके भतीजे सागर अडाणी और सीनियर एग्जीक्यूटिव विनीत जैन पर अमेरिका में रिश्वत से जुड़े कोई आरोप नहीं हैं। अडाणी ग्रुप के मुताबिक, गौतम अडाणी, सागर अडाणी और विनीत जैन के खिलाफ US फॉरेन करप्ट प्रैक्टिसेस एक्ट (FCPA) के तहत रिश्वत और भ्रष्टाचार के आरोपों पर कई मीडिया हाउस में चल रही खबरें ‘गलत’ हैं। हालांकि, इन पर अमेरिका में सिक्योरिटीज और वायर फ्रॉड से संबंधित मामले हैं।
अमेरिका डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस के पास पांच मामले कंपनी ने कहा कि अमेरिका डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस के पास पांच मामले हैं। इसमें गौतम अडाणी, सागर अडाणी या विनीत जैन को काउंट 1 और काउंट 5 में शामिल नहीं किया है। काउंट वन यानी ‘FCPA का उल्लंघन करने की साजिश’ और काउंट 5 यानी ‘न्याय में बाधा डालने की साजिश।’ अभियोग के काउंट वन में केवल एज्योर पावर के रंजीत गुप्ता, सिरिल कैबेन्स, सौरभ अग्रवाल, दीपक मल्होत्रा और रूपेश अग्रवाल शामिल हैं।
बयान में कही गई ये बात
बयान में कहा गया है कि इसके तहत डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस ने अडाणी ग्रुप के किसी भी अधिकारी का नाम नहीं लिया है। बयान में आगे कहा गया है, अडाणी ग्रुप के अधिकारियों पर केवल काउंट 2: “कथित सिक्योरिटी फ्रॉड कॉन्स्पिरेसी”, काउंट 3: “कथित वायर फ्रॉड कॉन्स्पिरेसी” के आरोप लगाए गए हैं।
24 अक्टूबर 2024 को न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट में दर्ज हुआ था ये मामला
दरअसल, 21 नवंबर को यूनाइटेड स्टेट्स अटॉर्नी ऑफिस की ओर से कहा गया था कि अडाणी ने भारत में सोलर एनर्जी से जुड़ा कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को 265 मिलियन डॉलर (करीब 2200 करोड़ रुपए) की रिश्वत दी या देने की योजना बना रहे थे। यह पूरा मामला अडाणी ग्रुप की कंपनी अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और एक अन्य फर्म से जुड़ा हुआ है। 24 अक्टूबर 2024 को न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट में यह केस दर्ज हुआ था।
बुधवार यानी 20 नवंबर को इसकी सुनवाई में गौतम अडाणी, उनके भतीजे सागर अडाणी, विनीत एस जैन, रंजीत गुप्ता, साइरिल कैबेनिस, सौरभ अग्रवाल, दीपक मल्होत्रा और रूपेश अग्रवाल को आरोपी बनाया गया है। रॉयटर्स की रिपोर्ट में कहा गया था कि गौतम अडाणी और सागर के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया गया है। सागर अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के अधिकारी हैं।