उत्तर प्रदेश, राजनीति

यूपी उपचुनाव 2024: RSS ने सभी नौ सीट जीतने के लिए बनाया खास प्लान, इस रणनीति से करेंगे काम

यूपी उपचुनाव 2024: RSS ने सभी नौ सीट जीतने के लिए बनाया खास प्लान, इस रणनीति से करेंगे काम

यूपी उपचुनाव 2024: उत्‍तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को सभी नौ सीटों पर जीत दिलाने के लिए राष्‍ट्रीय स्‍वयं सेवक संघ (RSS) परिवार ने भी कमर कस ली है। इसके लिए संबंधित विधानसभा क्षेत्रों में बूथवार संघ कार्यकर्ताओं की टोली बनाई है। यही टोलियां भाजपा की जीत की जमीन तैयार कर रही हैं। भाजपा के कार्यक्रमों से दूरी बनाते हुए ये टोलियां सभी जातियों से संपर्क कर जातियों में बंटे हिंदू समाज को राष्ट्रहित का पाठ पढ़ा रही हैं। साथ ही समाज के हर वर्ग व जाति के बीच सीएम योगी आदित्यनाथ के ‘बंटेगें तो कटेंगे’ के नारे का मतलब भी समझा रहे हैं।

दरअसल, लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बीच भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा था कि अब भाजपा बड़ी हो गई है, उसे आरएसएस की जरूरत नहीं है। इसके बाद से संघ परिवार की सक्रियता ठहर गई थी। संघ की बेरुखी से हिंदुत्व का एजेंडा तार-तार हो गया और हिंदू जातियां बिखर गईं जिसका खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़ा। हालांकि, जिस हिंदू समाज के ताने-बाने को संघ ने वर्षों की मेहनत से खड़ा किया था, उसे बिखरता देख संघ परिवार चिंतित हो उठा है। उधर, भाजपा नेतृत्व को भी यह एहसास हो गया कि संघ को लेकर दिए गया बयान गलत था। अब भाजपा को एहसास हो गया है कि यूपी में होने वाले उपचुनाव व महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनाव में संघ की मदद के बिना बेड़ा पार नहीं हो पाएगा। ऐसे में भाजपा फिर से संघ की शरण में पहुंची है।

संघ ने तैयार की टोलियां

अब संघ, सीएम योगी के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ के नारे को आधार बनाकर फिर से भाजपा के लिए जमीन मजबूत करने में जुट गया है। भाजपा के पक्ष में जनमत तैयार करने के लिए बड़े पैमाने पर संपर्क कार्यक्रम शुरू किए गए हैं। सूत्रों की मानें तो सभी संघ ने उपचुनाव वाली प्रदेश की सभी 10 विधानसभा सीटों के लिए टोलियां तैयार की हैं। भले ही चुनाव 9 सीटों पर हो रहा है। टोलियों ने लोगों तक संदेश पहुंचाना शुरू भी कर दिया है। प्रत्येक टोली 5-10 लोगों के छोटे ग्रुप के साथ बैठकें कर रही है।

मीडिया के सूत्रों ने बताया कि संघ की टोलियां इन बैठकों में सीधे तौर पर भाजपा का समर्थन नहीं करतीं, बल्कि राष्ट्रहित, हिंदुत्व, सुशासन, विकास, लोक कल्याण और स्थानीय मुद्दों पर गहन चर्चा के माध्यम से लोगों की राय को आकार दे रही हैं।

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