लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में प्राइमरी स्कूलों के मर्जर पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ डबल बेंच ने रोक लगा दी है। गुरुवार को कोर्ट ने कहा कि अभी पुरानी स्थिति को बहाल रखा जाए। इस संबंध में Status quo का आदेश पारित हुआ है। अब से अग्रिम आदेश तक कोई भी विद्यालय मर्ज नहीं किया जाएगा। जिन विद्यालय के मर्जर के आदेश हो चुके हैं, लेकिन जो विद्यालय अभी तक शिफ्ट नहीं हुए हैं। वह अपने पुराने स्थान पर ही चलते रहेंगे।
अब इस मामले में राज्य सरकार को काउंटर दाखिल करना है। उसके बाद बच्चों के अधिवक्ता अपना जवाब कोर्ट में दालिख करेंगे। मामले की अगली सुनवाई 21 अगस्त को होगी। हाईकोर्ट का ये आदेश केवल सीतापुर जिले के लिए है। ऐसे में जिले के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों और शिक्षकों के लिए ये राहत भरी खबर है।
सिंगल बेंच ने आदेश को ठहराया था सही
इससे पहले 7 जुलाई को कोर्ट की सिंगल बेंच ने यूपी सरकार के मर्जर के फैसले को सही ठहराया था। विभाग के इस फैसले के खिलाफ सीतापुर जिले की छात्रा कृष्णा कुमारी समेत 51 बच्चों ने 1 जुलाई को इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान सरकार से पूछा कि जब बच्चे स्कूल जाने को तैयार नहीं हैं, तो किस तरह का मर्जर किया जा रहा? टीचरों पर क्यों दबाव बनाया जा रहा? आपने न तो सर्वे किया और न ही आपके पास कोई प्लान है, तब इस तरह का फैसला क्यों लिया गया?
शिक्षक ने कहा- सरकार अपने ही नियम को तोड़ रही
अपील करने वाले बच्चों की ओर से अभिभावक और शिक्षक भी हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान मौजूद रहे। शिक्षक दुर्गेश प्रताप सिंह ने बताया कि सिंगल बेंच ने बच्चों की पिटीशन को डिसमिस कर रखा था। ये सुनवाई तीन दिन से चल रही थी। आज भी स्टेट ने अपने पक्ष में कई चीजें रखीं। हाईकोर्ट ने टीचर और बच्चों की दलीलें सुनते हुए कहा कि 21 अगस्त तक मामले को यथास्थिति रखा जाए।
अभी जो मर्जर हो गया है, उसकी कोई बात नहीं। लेकिन, आगे से एक भी मर्जर न किया जाए। यूपी सरकार का इसके लिए एक्ट भी है कि हर 1 किमी और 300 की आबादी पर एक स्कूल दिया जाएगा। स्टेट ने अपने ही नियम को तोड़ते हुए मर्जर शुरू कर दिया था।
बच्चों और अभिभावकों ने दाखिल की है विशेष अपील
अपीलकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता गौरव मेहरोत्रा ने जानकारी दी कि प्राथमिक स्कूलों के विलय के खिलाफ 3 विशेष अपीलें दाखिल की गई हैं। इनमें एक अपील 5 बच्चों की ओर से जबकि दूसरी 17 बच्चों के अभिभावकों की ओर से दाखिल की गई है। अपीलों में हाईकोर्ट की एकल पीठ के 7 जुलाई को दिए गए फैसले को रद्द करने की मांग की गई है, जिसमें स्कूलों के विलय को लेकर दाखिल याचिकाएं खारिज कर दी गई थीं।
पहली अपील में अधिवक्ता लालता प्रसाद मिश्रा 17 बच्चों के अभिभावकों की ओर से बहस में हिस्सा ले रहे थे। उसके बाद दूसरी अपील पर सुनवाई शुरू हुई थी। 1 घंटे में इस पर भी बहस पूरी हो गई। यह 5 बच्चों की ओर से दायर की गई है। इसकी बहस में अधिवक्ता गौरव मेहरोत्रा ने भाग लिया था। तीसरी अपील नोटिस के द्वारा बेंच पर लाई गई थी। सभी अपीलों पर बहस के बाद डबल बेंच सरकार का पक्ष सुना।
बेसिक शिक्षा विभाग ने दिया था आदेश
बेसिक शिक्षा विभाग ने 16 जून, 2025 को एक आदेश जारी किया था। इसमें यूपी के हजारों स्कूलों को बच्चों की संख्या के आधार पर नजदीकी उच्च प्राथमिक या कंपोजिट स्कूलों में मर्ज करने का निर्देश दिया था। सरकार ने तर्क दिया था कि इससे शिक्षा की क्वालिटी में सुधार और संसाधनों का बेहतर उपयोग संभव होगा।