लखनऊ: उत्तर प्रदेश में दशहरे से पहले एक बार फिर मानसून एक्टिव हो गया। मंगलवार सुबह कानपुर, गोंडा, मथुरा, हाथरस और बरेली में तेज बारिश हुई। पश्चिम के कई जिलों में बादल छाए हुए हैं। मौसम विभाग ने आज 17 जिलों में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। प्रदेश में 8 दिनों बाद बारिश का दौर फिर से शुरू हुआ है।
लखनऊ मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में एक नया लो प्रेशर क्षेत्र बन रहा है। इसने मानसून को एक्टिव किया है। प्रदेश में 3 अक्टूबर तक गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना है। 2 अक्टूबर को दशहरा हैं। इसके बाद अक्टूबर के पहले हफ्ते तक मानसून लौट जाने का अनुमान है।
यूपी के 17 जिलों में बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग ने महोबा, हमीरपुर, जालौन, कानपुर नगर, ललितपुर, झांसी, इटावा, आगरा, फ़िरोज़ाबाद, मैनपुरी, कानपुर देहात, उन्नाव, औरैया, कन्नौज, बहराइच, श्रावस्ती और लखीमपुर खीरी का बारिश का अलर्ट जारी किया है।
बारिश का फसलों पर कैसा असर?
अभी तक मौसम सामान्य रूप से सही चल रहा है। कृषि वैज्ञानिक प्रो. पीके सिंह बताते है कि हथिया नक्षत्र 21 और 22 सितंबर से शुरू हुआ। आमतौर पर इस नक्षत्र में बारिश होती है, जो धान की फसल के लिए फायदेमंद मानी जाती है। क्योंकि, कीड़े-मकोड़े बारिश के साथ नष्ट हो जाते हैं।
इसी दौरान दलहनी और तिलहनी फसलों के लिए भी खेत में नमी बनी रहती है, जिससे रबी की फसल समय पर बोई जा सकती है। अगर बारिश बहुत तेज हो जाए तो धान की फसल गिर सकती है, जिससे उसकी गुणवत्ता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। मशीन या हार्वेस्टर से कटाई करने में कठिनाई हो सकती है।
क्या होता है हथिया नक्षत्र?
हथिया नक्षत्र एक ऐसा समय होता है, जब लगातार हल्की बारिश होती रहती है। किसानों के लिए यह नक्षत्र काफी अच्छा माना जाता है। फसल बोने के लिए किसान इस समय का इंतजार करते हैं। हथिया नक्षत्र 5 तारों का समूह है, जिसकी आकृति हाथ के पंजे जैसी होती है। इसका ग्रह स्वामी चंद्रमा है।