लखनऊ: खालसा पंथ के संस्थापक गुरु श्री गोबिन्द सिंह जी के प्रकाश पर्व पर राजधानी के डीएवी कॉलेज में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिरकत की। इस मौके पर उन्होंने गुरु गोबिंद सिंह महाराज को शहीद पिता के पुत्र और शहीद पुत्रों के पिता के रूप में वर्णित करते हुए कहा कि उनका जीवन भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर का अद्वितीय उदाहरण है। सिख गुरुओं के त्याग और बलिदान को नई पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि गुरु तेग बहादुर ने देश और धर्म की रक्षा के लिए अपना शीश दिया, लेकिन भारत का मस्तक झुकने नहीं दिया। उनके बलिदान ने कश्मीर और भारतीय संस्कृति को बचाया। उन्होंने गुरु गोबिंद सिंह जी के चार साहिबजादों की शहादत को याद करते हुए कहा कि उनका त्याग और वीरता आज भी हर भारतीय को प्रेरित करती है। उन्होंने कहा, गुरु गोबिंद सिंह महाराज ने जाति भेद और छुआछूत के खिलाफ खालसा पंथ की स्थापना की, जो सामाजिक एकता और राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है। उनका मंत्र, ‘सवा लाख से एक लड़ाऊं…’, आज भी हर भारतीय को अदम्य साहस और आत्मविश्वास से भरता है।
इतिहास से जुड़ना जरूरी: सीएम योगी
सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रकाश पर्व को इतिहास से प्रेरणा लेने का अवसर बताया। उन्होंने कहा कि लखनऊ का यहियागंज गुरुद्वारा इस ऐतिहासिक परंपरा से जुड़ा है, जहां गुरु तेग बहादुर जी अपने बालक गोबिंद सिंह के साथ रुके थे। उन्होंने कहा कि भावी पीढ़ी को सिख गुरुओं के बलिदान और आदर्शों से अवगत कराना हमारा कर्तव्य है।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, मंत्री बलदेव सिंह औलख और सिख समुदाय के कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे कार्यक्रम में बच्चों के बीच मिठाइयां बांटकर उन्हें गुरु परंपरा के आदर्शों से परिचित कराया गया।