अयोध्या: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में अयोध्या दीपोत्सव भव्य और दिव्य रूप से मनाया गया। 25 लाख दीये जलाने का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बन गया। मगर, एक नया विवाद शुरू हो गया। अयोध्या से सपा सांसद अवधेश प्रसाद इस दीपोत्सव में शामिल नहीं हुए। उन्होंने कहा, मुझे दीपोत्सव में नहीं बुलाया गया। निमंत्रण नहीं मिला। मैं अयोध्या पहुंचा हूं, लेकिन कोई पास या निमंत्रण नहीं मिला।
एक निजी अखबार से हुई बातचीत में अवधेश प्रसाद ने कहा, हमारे देश में जो त्योहार मान्यता और परंपरा पर होते हैं, भाजपा उनका राजनीतिकरण करती जा रही है। बीजेपी देश को बांटने का काम करती है, जो अच्छा नहीं है। हमारा अनेकता में एकता का सिद्धांत है। यही हमारे देश का मजबूत सूत्र है। इससे ही देश मजबूत है। हम मजबूत हैं। यह त्योहार क्या एक समुदाय का ही है।
दीपोत्सव में शामिल न होने पर कही ये बात
दीपोत्सव में शामिल नहीं होने पर अवधेश प्रसाद ने कहा, सुना है कि दीपोत्सव के लिए पास और निमंत्रण कार्ड की व्यवस्था है। हमारे पास कोई निमंत्रण नहीं आया है। ये हमारा भी त्योहार है। इधर, बतौर सांसद अवधेश प्रसाद के न शामिल होने पर संत समाज नाराज हैं। उनका कहना है कि राजनीति अपनी जगह है, लेकिन दीपोत्सव में सांसद को शामिल होना चाहिए था।
जगतगुरु परमहंस आचार्य ने कहा, अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह पहली दीवाली है। साधु-संतों में खास उत्साह है। विदेशों में भी लोग आज अयोध्या को देख रहे हैं। मगर कुछ राक्षस हैं, जैसे यहां का सांसद। सबसे पहले इस आयोजन में उनको आना चाहिए। मगर, ये पापी लोग हैं।
सांसद होने के बावजूद नहीं आए, ये दुर्भाग्य: करपात्री महाराज
संत करपात्री महाराज ने कहा, ‘जाको प्रभु दारुण दुख देही, ताकी मति पहले हर लेही।’ अयोध्या के लोगों ने उन्हें सांसद बनाया। इसके बावजूद अगर दीपोत्सव में नहीं आ रहे हैं तो यह उनका दुर्भाग्य है। उन्हें तो आना ही चाहिए। क्या राम सपा के नहीं हैं? क्या अयोध्या भाजपा की है? इसमें राजनीति की बात नहीं करनी चाहिए। राम का ही तो राष्ट्र है। उन्हें शायद पता नहीं है। राष्ट्र का मंगल करने वाला राम किसी पार्टी का नहीं है।
वहीं, स्वामी दिवाकर आचार्य ने कहा, अयोध्या के सांसद हिंदू समाज के लिए दुर्भाग्य हैं। वह चुनकर आए हैं, बुजुर्ग हैं। उन्हें तो आना ही चाहिए था। उनकी लोकसभा में इस तरह का भव्य दीपोत्सव मनाया जा रहा है। अगर वह 2-3 दिन और नहीं दिखते हैं, तो मैं गुमशुदा सांसद की तलाश के पोस्टर लगवा दूंगा। रामलाल अब अपने महल में विराजमान हो चुके हैं। हिंदू आस्था पर यह चोट है कि सांसद को निमंत्रण का इंतजार करना पड़ रहा है। वो कही नमाज पढ़ने चले गए हैं। अपने त्योहार पर आस्था रखनी चाहिए।
सीएम योगी ने कहा- हमने जो कहा, करके दिखा दिया
अयोध्या के दीपोत्सव की शुरुआत सीएम योगी आदित्यनाथ ने की। इस दौरान उन्होंने कहा, यह वर्ष अयोध्या के लिए अद्भुत, अनुपम, अलौकिक है। 500 साल का इंतजार खत्म हुआ। एक बार फिर रामलला अपने धाम में विराजमान होकर दुनिया के सभी पीड़ितों को ये संदेश दे गए कि कभी भी अपने पथ से विचलित नहीं होना चाहिए। आज अवसर है, उन सभी आत्माओं को स्मरण करने का, जिनका पूरा जीवन राम जन्मभूमि आंदोलन के लिए समर्पित था। मैं उन सभी पूज्य संतों को नमन करता हूं, जो 3.5 लाख की संख्या में अपनी शहादत देकर एक ही तमन्ना के साथ इस धरा से अलविदा हो गए। इससे पहले हम लोग बोलते थे और जो हमने कहा वो करके भी दिखाया।