लखनऊ: लखनऊ की मण्डलायुक्त डॉ. रोशन जैकब ने सरकारी जमीनों से अवैध कब्जों को मुक्त कराने की मुहिम के तहत सोमवार को तहसील सरोजनीनगर क्षेत्र के ग्राम सभा बेहसा और कल्ली पश्चिम का दौरा किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने कई जगहों पर अवैध निर्माण और कब्जा पाए जाने पर सख्त निर्देश जारी किए और लापरवाह अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की।
ग्राम बेहसा में सरकारी गाटा संख्या 1421, 1422 और 1418 पर एक प्रॉपर्टी डीलर द्वारा अवैध प्लॉटिंग और निर्माण की शिकायत मिलने पर मण्डलायुक्त ने मौके का निरीक्षण किया। जांच में अवैध कब्जा और निर्माण की पुष्टि होने पर प्रॉपर्टी डीलर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और कब्जा हटाने के निर्देश दिए गए। इस मामले में सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने में लापरवाही बरतने पर नगर निगम के तहसीलदार अरविंद पांडेय के खिलाफ आरोप पत्र जारी करते हुए शासन को उनका निलंबन करने की संस्तुति भेजी गई।
कल्ली पश्चिम में भी मिला अवैध कब्जा
मण्डलायुक्त के निरीक्षण के दौरान ग्राम कल्ली पश्चिम के गाटा संख्या 1459, 1273, 1228 और 1768 पर भी अवैध कब्जा और प्लॉटिंग सामने आई। इस पर संबंधित अधिकारियों को तुरंत एफआईआर दर्ज करने और अवैध निर्माण को ध्वस्त करने के निर्देश दिए गए। साथ ही इस मामले में ग्राम लेखपाल सुनील तिवारी, दीपक, कानूनगो अशोक पांडे, पाटनदीन तिवारी, नगर निगम लेखपाल मृदुल मिश्रा और संदीप यादव द्वितीय को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश जारी किए गए।
मण्डलायुक्त ने स्पष्ट कहा कि सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा करने वालों और उन्हें संरक्षण देने वाले अधिकारियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने निर्देश दिए कि जहां-जहां कब्जे चिन्हित हो चुके हैं, वहां से कब्जा हटाकर तुरंत भूमि को संरक्षित किया जाए और सरकारी बोर्ड लगवाया जाए। डॉ. रोशन जैकब ने सख्ती से कहा कि यदि किसी स्थान पर दोबारा कब्जा होता है, तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ सीधी नामजद एफआईआर दर्ज कराई जाए।
राजस्व और नगर निगम की संयुक्त टीम को दिए गए विशेष निर्देश
निरीक्षण के दौरान मण्डलायुक्त डॉ. रोशन जैकब ने बताया कि सरकारी जमीनों को कब्जा मुक्त कराने के लिए एक विशेष संयुक्त टीम गठित की गई है जो पूरे जनपद में जीएस मैपिंग, पैमाइश और जीरो टैगिंग का कार्य कर रही है। साथ ही भू-माफियाओं से जुड़ी शिकायतों का निस्तारण प्राथमिकता पर करने के निर्देश भी दिए गए।
उन्होंने कहा कि यह अभियान केवल कार्रवाई भर नहीं है, बल्कि यह जनता की सम्पत्ति को उसके वास्तविक हकदार के लिए सुरक्षित रखने का संकल्प है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों से कहा कि वे नियमित रूप से कार्रवाइयों की समीक्षा करें और अपने-अपने क्षेत्र की सरकारी जमीनों को कब्जा मुक्त करने की प्राथमिकता तय करें।