पुणे: महाराष्ट्र के पुणे जिले में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) के शुक्रवार को सात नए मामले सामने आए। इसके बाद जीबी सिंड्रोम के कुल मामले बढ़कर 180 हो गए हैं। इससे अब तक छह लोगों की मौत हो चुकी है।
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, 58 मरीज आईसीयू और 22 मरीज वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं, जबकि 79 को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। इन 180 मामलों में पुणे से 123, पिंपरी-चिंचवाड़ से 25, पुणे ग्रामीण से 24 मामले और दूसरे जिलों से 8 मामले हैं। एक अधिकारी ने बताया कि GB सिंड्रोम के सबसे ज्यादा मामले नांदेड़ के पास स्थित एक हाउसिंग सोसाइटी से आए। यहां के पानी का सैंपल लिया गया था, जिसमें कैंपिलोबैक्टर जेजुनी पॉजिटिव पाया गया। यह पानी में होने वाला एक बैक्टीरिया है।
प्रदूषित पानी के कारण फैला GBS
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) ने पुष्टि की है कि नांदेड़ और उसके आसपास के इलाकों में GB सिंड्रोम प्रदूषित पानी के कारण फैला है। पुणे नगर निगम ने नांदेड़ और आसपास के इलाके में 11 निजी आरओ सहित 30 प्लांट को सील कर दिया है। इससे पहले छह फरवरी को 63 साल के व्यक्ति की मौत हो गई थी। स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया था कि बुखार और पैरों में कमजोरी की शिकायत के बाद बुजुर्ग को सिंहगढ़ रोड क्षेत्र के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जांच में पता चला कि उन्हें GB सिंड्रोम है। इस्केमिक स्ट्रोक के कारण उनकी मौत हो गई थी।