नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी मेडिकल परीक्षाओं में से एक NEET को लेकर बवाल जारी है। कांग्रेस नेता मुकेश नायक ने आरोप लगाए हैं कि परीक्षा के बाद मूल्यांकन में धांधली की गई है। इसी वजह से छात्रों को 718 और 719 नंबर मिले हैं। मुकेश के अनुसार इस परीक्षा की संरचना ऐसी है कि किसी छात्र को इतने नंबर मिल ही नहीं सकते। इसके बावजूद एक छात्र को 718 और एक छात्रा को 719 नंबर मिले हैं। हालांकि, राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी इस मामले में सफाई दे चुकी है।
एनटीए ने छात्रों को 719-718 नंबर मिलने पर कहा था कि कुछ परीक्षा केंद्रों में थोड़ी दिक्कत आई थी। इसकी वजह से छात्रों का समय बर्बाद हुआ था। इस मामले में ग्रेस नंबरों के लिए अपील की गई थी। छात्रों के समय के नुकसान की भरपाई के लिए उन्हें ग्रेस मार्क्स दिए गए थे। इसी वजह से एक छात्र को 718 और एक छात्रा को 719 नंबर मिले।
क्या है मामला?
नीट यूजी 2024 परीक्षा 5 मई को 571 शहरों के 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी। इसमें 14 विदेशी शहर भी थे। इस परीक्षा में 24 लाख से ज्यादा उम्मीदवार शामिल हुए थे। एनटीए ने 4 जून को रिजल्ट और कटऑफ, टॉपर्स के नाम जारी किए। इसके बाद लाखों छात्रों ने एनटीए से दोबारा परीक्षा कराने की मांग की। सुप्रीम कोर्ट से भी इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की गई। छात्रों ने नंबर्स में संभावित बढ़ोतरी की ओर इशारा करते हुए चिंता जताई कि कैसे 67 उम्मीदवारों ने टॉप रैंक हासिल कर ली। विशेष रूप से, इन टॉप स्कोररों में से 6 हरियाणा के एक ही एग्जाम सेंटर से थे, जिससे परीक्षा प्रक्रिया के बारे में शंका को बढ़ावा मिला।
#WATCH | On NEET-UG paper leak allegations, Congress leader Mukesh Nayak says, "When the results (of NEET-UG paper) were announced, one student received 718 marks, while another secured 719 marks. According to the mathematical structure of the exam, no student can score these… pic.twitter.com/3JvMxh5uMx
— ANI (@ANI) June 8, 2024
एनटीए ने किया आरोपों का खंडन
एनटीए के अनुसार कटऑफ स्कोर हर साल उम्मीदवारों के ओवर आल परफॉर्मेंस के आधार पर तय होता है। योग्य उम्मीदवारों के कट-ऑफ और औसत नंबर (720 में से) हर साल अलग-अलग होते हैं। एनटीए ने बताया कि 2020 में जनरल कैटेगरी के लिए 147 कटऑफ गए थे, 2021 में 138, 2022 में 117, 2023 में 137 और 2024 में यही कटऑफ 164 गया है।
आगे ये भी बताया कि सभी एग्जाम सेंटर्स पर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए थे। एनटीए ने ज्यादा मार्क्स के लिए कई वजह बताई। परीक्षा एजेंसी की तरफ से कहा गया कि एनसीईआरटी की किताबों में किए गए बदलाव और कुछ परीक्षा केंद्रों पर खोए हुए समय की भरपाई के लिए ग्रेस मार्क्स देने के कारण नंबर ज्यादा आए हैं। एनटीए ने कहा कि उम्मीदवारों की संख्या साल 2023 में 20,38,596 से बढ़कर 2024 में 23,33,297 हो गई है। इसी कारण कटऑफ इतने ऊपर चले गए।