मुरादाबाद: पहलगाम आतंकी हमले के विरोध में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से जुड़ीं कर्नल सोफिया कुरैशी के बाद अब विंग कमांडर व्योमिका सिंह के बारे में विवादित टिप्पणी सामने आई है। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव ने गुरुवार को उनके लिए जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया। इनमें कुछ ऐसे शब्द हैं, जो हम लिख नहीं सकते हैं।
मुरादाबाद में रामगोपाल यादव ने कहा, ‘विंग कमांडर व्योमिका सिंह हरियाणा की जाटव है…, *** हैं। लेकिन भाजपा ने राजपूत समझकर व्योमिका के बारे में कुछ नहीं कहा, जबकि मुसलमान होने पर भाजपा के मध्य प्रदेश मंत्री ने कर्नल सोफिया कुरैशी को गाली दी। ऑपरेशन सिंदूर में एयर ऑपरेशन को अंजाम देने वाले एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती यादव हैं। एक मुसलमान, दूसरा जाटव और तीसरा यादव…ये तीनों को PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) के ही हैं। ये पूरा युद्ध तो PDA ने ही लड़ा। भाजपा किस आधार पर इसका श्रेय लेने की कोशिश कर रही है।’
गौरतलब है कि एयरफोर्स की विंग कमांडर व्योमिका सिंह और भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान चर्चा में आईं। दोनों ने विदेश सचिव विक्रम मिसरी के साथ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर 4 प्रेस कॉन्फ्रेंस कीं।
BJP क्या खुद युद्ध लड़ रही थी, जो श्रेय लेने के लिए यात्रा निकाल रही?
प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने कहा कि अभी हमने देखा कि 2 दिन तक पाकिस्तान से युद्ध चला, फिर किसी ने धमकाकर युद्ध रुकवा दिया। शांति की तुलना युद्ध से नहीं की जा सकती, लेकिन दुष्ट के साथ दुष्टता का ही व्यवहार करना चाहिए, ऐसा शास्त्र कहते हैं। अभी तक जब भी पाकिस्तान से भारत का युद्ध हुआ है, इसमें भारत ही जीता है। लेकिन, कभी राजनीतिक नेतृत्व ने इसका श्रेय लेने की कोशिश नहीं की। पहला मौका है, जब देश का मौजूदा राजनीतिक नेतृत्व सेना के श्रेय को हड़पना चाहता है।
सपा नेता रामगोपाल ने कहा कि जब सीज फायर हुआ तो सबके दिमाग में था कि अब आतंकी हमले नहीं होंगे। लेकिन, जम्मू कश्मीर में सेना रोज आतंकवादियों को मार रही है। इसका मतलब है कि अभी भी रोजाना आतंकी सरहद के उस पार से इधर आ रहे हैं। दूसरी ओर भाजपा देश में तिरंगा यात्रा निकाल रही है। ये (BJP) तो केवल चुनाव के लिए काम करती है।
सीएम योगी बोले- ये सेना के शौर्य का घोर अपमान
रामगोपाल के बयान पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सेना की वर्दी ‘जातिवादी चश्मे’ से नहीं देखी जाती है। भारतीय सेना का प्रत्येक सैनिक ‘राष्ट्रधर्म’ निभाता है, न कि किसी जाति या मजहब का प्रतिनिधि होता है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव का एक वीरांगना बेटी को जाति की परिधि में बांधना न केवल उनकी पार्टी की संकुचित सोच का प्रदर्शन है, बल्कि सेना के शौर्य और देश की अस्मिता का भी घोर अपमान है। यह वही मानसिकता है, जो तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति में राष्ट्रभक्ति तक को बांटने का दुस्साहस करती है। इस विकृत जातिवादी सोच को जनता फिर जवाब देगी।