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संभल हिंसा के लिए राहुल गांधी ने भाजपा सरकार को ठहराया जिम्मेदार, चंद्रशेखर बोले- संसद में उठाया जाना चाहिए मुद्दा 

संभल हिंसा के लिए राहुल गांधी ने भाजपा सरकार को ठहराया जिम्मेदार, चंद्रशेखर बोले- संसद में उठाया जाना चाहिए मुद्दा 

नई दिल्‍ली/संभल: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार (24 नवंबर) को हिंसा भड़क गई, जिसमें चार युवकों की मौत हो गई। सीओ अनुज चौधरी और एसपी के PRO के पैर में गोली लगी। पुलिस अधीक्षक सहित 22 अन्य पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। हिंसा के आरोप में पुलिस ने 21 लोगों को गिरफ्तार किया है। 400 से ज्यादा लोगों पर FIR की गई है। सभी मृतकों को देर रात ही सुपुर्दे खाक कर दिया गया। वहीं, इस मामले पर विपक्ष भाजपा सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहा है।

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म X पर लिखा- संभल पर राज्य सरकार का पक्षपात और जल्दबाजी भरा रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। हिंसा और फायरिंग में जिन्होंने अपनों को खोया है उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं। प्रशासन द्वारा बिना सभी पक्षों को सुने और असंवेदनशीलता से की गई कार्रवाई ने माहौल और बिगाड़ दिया। कई लोगों की मृत्यु का कारण बना- जिसकी सीधी जिम्मेदार भाजपा सरकार है।

उन्‍होंने आगे कहा, भाजपा का सत्ता का उपयोग हिंदू-मुसलमान समाजों के बीच दरार और भेदभाव पैदा करने के लिए करना न प्रदेश के हित में है, न देश के। मैं सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में जल्द से जल्द हस्तक्षेप कर न्याय करने का अनुरोध करता हूं। हमें सुनिश्चित करना है कि भारत सांप्रदायिकता और नफरत नहीं, एकता और संविधान के रास्ते पर आगे बढ़े।

संभल हिंसा का मुद्दा संसद में उठाया जाना चाहिए: चंद्रशेखर

वहीं, आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि संभल में हुई हिंसा एक बड़ा मुद्दा है। चार लोगों की जान चली गई है और इस मुद्दे को संसद में उठाया जाना चाहिए। हिंसा किसी भी चीज का समाधान नहीं है। मैं इसका समर्थन नहीं करता… घटना की जांच होनी चाहिए। यह पुलिस, प्रशासन और सरकार की विफलता है।

संभल तहसील में इंटरनेट बंद

हिंसा के बाद 24 घंटे के लिए संभल तहसील में इंटरनेट बंद कर दिया गया। सभी स्कूल आज बंद रहेंगे। डीएम राजेंद्र पैंसिया ने एक दिसंबर तक संभल जिले में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी है। पूरे शहर में अघोषित कर्फ्यू जैसा माहौल है। एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने कहा, ‘आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई होगी। रासुका लगाया जाएगा।’ इधर, मृतकों के परिजनों का दावा है कि पुलिस की गोली से मौत हुई है। हालांकि, कमिश्नर ने कहा, ‘पुलिस फायरिंग में कोई मौत नहीं है। हमलावरों की फायरिंग में युवकों की जान गई है।’

सर्वे के दौरान भड़की हिंसा

रविवार सुबह 6:30 बजे डीएम-एसपी के साथ एक टीम जामा मस्जिद का सर्वे करने पहुंची थी। टीम को देखकर मुस्लिम समुदाय के लोग भड़क गए। कुछ ही देर में करीब दो से तीन हजार लोग जामा मस्जिद के बाहर पहुंच गए। पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो भीड़ में शामिल कुछ लोगों ने पथराव कर दिया। इसके बाद भगदड़ जैसे हालात हो गए। छतों से भी पथराव शुरू हो गया, पुलिस को भागना पड़ा। बवाल इतना बढ़ गया कि पुलिस ने पहले आंसू गैस के गोले दागे, फिर लाठीचार्ज करके भीड़ को खदेड़ा।

मुसलमान संयम बरतें, नुकसान उन्हीं का होगा: एसटी हसन

उधर, मुरादाबाद के पूर्व सपा सांसद डॉ. एसटी हसन ने कहा- अगर हिंदु मुसलमान के बीच की ये सियासत बंद नहीं की गई तो आने वाली नस्लें खतरें में पड़ जाएंगी। मुस्लिमों से संयम बरतने की अपील की। कहा कि खरबूजा छुरी के ऊपर गिरे या छुरी खरबूजे के ऊपर गिरे, कटना खरबूजे को ही होता है। हर स्थिति में नुकसान उन्हीं का होना है। उन्होंने कहा, संभल में रविवार सुबह कुछ अफवाहें फैलीं। जिसकी वजह से लोग भड़क गए। उन्होंने उत्तेजित होकर पथराव कर दिया। एसटी हसन ने कहा, ये अफवाह फैली थी कि सर्वे करने वाली टीम सुबह मस्जिद में आई और उसने मौलाना से कुछ बदसलूकी की। हालांकि, ये बात महज एक अफवाह ही निकली। मुसलमानों को उकसाने की कोशिशें होंगी, लेकिन उन्हें अपने ऊपर काबू रखना होगा। अगर वो बहके तो उन्हीं का नुकसान होगा। ऐसी घटनाएं हिंदुस्तान को 500 साल पीछे खींचकर ले जाएंगी।

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