उत्तर प्रदेश

नेहा सिंह और असिस्टेंट प्रोफेसर माद्री के समर्थन में विरोध प्रदर्शन, कई कार्यकर्ता पुलिस हिरासत में

नेहा सिंह और असिस्टेंट प्रोफेसर माद्री के समर्थन में विरोध प्रदर्शन, कई कार्यकर्ता पुलिस हिरासत में

लखनऊ: राजधानी में शनिवार को लखनऊ विश्वविद्यालय के लिंग्विस्टिक डिपार्टमेंट की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. माद्री काकोटी और कवियत्री नेहा सिंह राठौर के समर्थन में लखनऊ विश्वविद्यालय के गेट नंबर 1 से परिवर्तन चौक तक नियोजित राज्यव्यापी प्रतिरोध दिवस के तहत शांतिपूर्ण मार्च को पुलिस ने रोक दिया। प्रदर्शन शुरू होने से पहले ही भारी पुलिस बल ने विश्वविद्यालय के प्रवेश द्वार को घेर लिया और कई छात्र, शिक्षक और सांस्कृतिक कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया गया।

इस कार्रवाई पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आइसा उत्तर प्रदेश के उपाध्यक्ष समर गौतम ने कहा कि आज की गिरफ्तारियां केवल प्रदर्शन को रोकने तक सीमित नहीं थीं, बल्कि हर प्रकार के असंतोष को दबाने का प्रयास थीं। उन्होंने कहा कि जब ट्वीट करना देशद्रोह और विरोध करना अराजकता माना जाने लगे तो यह लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी है।

नेहा सिंह और प्रोफेसर माद्री के समर्थन में विरोध प्रदर्शन, पुलिस से झड़प में कई कार्यकर्ता हिरासत में

लखनऊ में प्रदर्शनकारी हिरासत में

ऑल इंडिया प्रोग्रेसिव वूमेन्स एसोसिएशन (AIPWA), उत्तर प्रदेश की राज्य कमेटी सदस्य कमला गौतम ने कहा कि सरकार गिरफ्तारी से आंदोलनकारियों को डराने की कोशिश कर रही है, लेकिन वे अपने संघर्ष पर अडिग हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि नेहा और माद्री पर दर्ज किए गए झूठे मुकदमों की वापसी तक उनका आंदोलन जारी रहेगा, चाहे वे जेल में हों या बाहर।

सरकार को चेतावनी

रिवोल्यूशनरी यूथ एसोसिएशन (RYA), उत्तर प्रदेश के संयुक्त सचिव राजीव गुप्ता ने इस कार्रवाई को केवल कुछ लोगों की लड़ाई नहीं बताया, बल्कि उन सभी की लड़ाई बताया जो सवाल करते हैं, पढ़ाते हैं, गाते हैं और सोचते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार सच से डरती है और आंदोलनकारी डरने वाले नहीं हैं।

नेहा सिंह और प्रोफेसर माद्री के समर्थन में विरोध प्रदर्शन, पुलिस से झड़प में कई कार्यकर्ता हिरासत में

जन संस्कृति मंच, उत्तर प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष कौशल किशोर ने कहा कि आज की गिरफ्तारी केवल विचारों पर हमला नहीं है, बल्कि संस्कृति, शिक्षा और इंसानियत पर हमला है। उन्होंने माद्री और नेहा के खिलाफ कार्रवाई को वर्तमान समय की भयावहता का प्रतीक बताया और कहा कि जन संस्कृति मंच हर प्रतिरोधी आवाज के साथ खड़ा है।

नेहा सिंह और प्रोफेसर माद्री के समर्थन में विरोध प्रदर्शन, पुलिस से झड़प में कई कार्यकर्ता हिरासत में

शांतम निधि ने कहा- सरकार विचारों से डरती है

आइसा कार्यकर्ता शांतम निधि ने कहा कि वर्तमान परिदृश्य में गाना देशद्रोह, पढ़ाना उग्रवाद और सवाल करना अपराध माना जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार विचारों से डरती है, लेकिन वह यह भूल रही है कि जब जनता डरना छोड़ देती है तो सत्ता कमजोर पड़ जाती है। उन्होंने यह भी कहा कि आज की कार्रवाई ने उन्हें और मजबूत किया है।

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