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PM Modi Poland Visit: मोदी ने कहा- 45 साल बाद कोई भारतीय PM पोलैंड आया, कुछ अच्छे काम मेरे ही नसीब में लिखे

PM Modi Poland Visit: मोदी ने कहा- 45 साल बाद कोई भारतीय PM पोलैंड आया, कुछ अच्छे काम मेरे ही नसीब में लिखे

PM Modi Poland Visit: भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार (21 अगस्‍त) को दो दिन के पोलैंड दौरे पर पहुंचे। यहां उनका जोरदार स्वागत किया गया। इसके बाद वे नवानगर के जाम साहब दिग्विजयसिंहजी रणजीतसिंहजी जाडेजा के स्मारक पहुंचे और श्रद्धांजलि अर्पित की।

इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय मूल के लोगों को संबोधित किया। उन्‍होंने कहा कि बीते एक सप्‍ताह से भारतीय मीडिया में आप ही लोग छाए हुए हैं। 45 साल बाद कोई भारतीय प्रधानमंत्री पहली बार पोलैंड आया है। कुछ अच्‍छे काम मेरे नसीब में ही लिखे हैं। मोदी ने कहा कि उनसे पहले इतने लंबे वक्‍त तक कोई भारतीय प्रधानमंत्री यहां नहीं आया। पहले की सरकारों की नीति रहती थी कि दूरी बनाए रखो। हमारी नीति यह है कि हमें सभी देशों से नजदीकी बनाए रखनी है।

जामनगर के जाम साहब का जिक्र

पीएम मोदी ने जामनगर के जाम साहब का भी जिक्र किया। उन्‍होंने कहा कि कुछ दिन पहले मैं वर्तमान जाम साहब से मिलने गया था। उनके कमरे में पोलैंड की तस्वीर आज भी है। हमारे जाम साहब को पोलैंड में हर कोई गुड महाराजा के नाम से जानता है। सेकेंड वर्ल्ड वॉर के दौरान जब पोलैंड मुश्किलों से घिरा हुआ था, तब जाम साहब दिग्विजय सिंह जी ने पोलिश लोगों की मदद की।

पोलिश पीएम और राष्‍ट्रपति से मिलेंगे मोदी

प्रधानमंत्री मोदी गुरुवार यानी आज पोलिश प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क से मुलाकात करेंगे। इस दौरान दोनों के बीच द्विपक्षीय वार्ता भी होगी। इसके बाद वह राष्ट्रपति आंद्रेज सेबेस्टियन डूडा से मिलेंगे। अगले साल पोलैंड यूरोपियन यूनियन काउंसिल का अध्यक्ष बनने वाला है। ऐसे में राजनीतिक नजरिए से भी पोलैंड के साथ अच्छे संबंध भारत के लिए जरूरी हैं।

संबोधन के पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वॉरसा में नवानगर में जाम साहब को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद मोंटे कैसिनो स्मारक और कोल्हापुर परिवार के स्मारक पर भी श्रद्धांजलि दी। मोंटे कैसिनो स्मारक द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 1944 में मोंटे कैसिनों की लड़ाई में द्वितीय पोलिश कोर के सैनिकों की जीत की याद में बनाया गया था। द्वितीय कोर ने नाजी जर्मन सेना के खिलाफ पहाड़ी और उस पर स्थित मठ पर विजय प्राप्त की थी। इस लड़ाई में 900 से अधिक पोलिश सैनिक मारे गए थे।

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