गोरखपुर: दंगे जैसी विषम परिस्थितयों में कई बार ड्यूटी के दौरान पुलिसकर्मियों पर भी हमला हो जाता है। ऐसे में वे अधिकारियों तक अपनी बात सही तरीके से नहीं पहुंचा पाते हैं। साथ ही आरोपियों के खिलाफ भी ठोस सबूत जुटाने में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। लेकिन, अब इन हालातों से निपटने के लिए पुलिस की मदद करेगी AI छड़ी। जी हां, इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट गीडा (Institute of Technology and Management GIDA) के बीटेक छात्रों ने खास तरह की एआई पुलिस स्टिक (AI Police Stick) तैयार की है। पुलिस स्मृति दिवस पर इसे पेश करते हुए दावा किया गया है कि यह पुलिस के लिए काफी उपयोगी साबित हो सकती है।
आईटीएम गीडा के छात्रों ने बताया कि उन्होंने पुलिसकर्मियों के लिए खास एआई छड़ी तैयार की है। एआई द्वितीय वर्ष के छात्र आदर्श कुमार ने बताया कि इस छड़ी को हमने एआई पुलिस स्टिक नाम दिया है। ये छड़ी मुसीबत के समय अपराधियों से आत्मरक्षा में काफी कारगर है। साथ ही जरूरत पड़ने पर इससे बंदूक और आरामदायक कुर्सी भी बना सकते हैं। छात्रा प्रगति वर्मा ने बताया कि ये एआई छड़ी ड्यूल कैमरे सें लैस है। यह पुलिस कर्मियों की ड्यूटी में मदद कर सकती है। दीपावली इसे पुलिस में शामिल कराने पेशकश की जाएगी।
AI छड़ी से आसानी से भेज सकेंगे लोकेशन की लाइव फुटेज
एआई पुलिस स्टिक के जरिए पुलिसकर्मी नजदीकी पुलिस चौकी और थाने के अधिकारियों से कभी भी लाइव जुड़ सकते हैं। इस छड़ी की मदद सें सुनसान जगहों पर भी ड्यूटी करने वाले पुलिसकर्मी कभी अकेला महसूस नहीं करेंगे। वे लोकेशन की लाइव ऑडियो-वीडियो के माध्यम से थाने और चौकी से मदद ले सकते हैं। छात्र रोहन ने बताया कि एआई स्मार्ट छड़ी से भीड़ में असामाजिक तत्वों को खदेड़ने के साथ ही उपद्रवियों को भीड़ में पहचानने में भी मदद मिलेगी। पुलिसकर्मी एआई छड़ी से लाल और हरी मिर्च की गोलियाां चला सकते हैं।
पैनिक बटन दबाकर ले सकेंगे सहायता
एआई पुलिस स्टिक को पूरी तरह सें मोड़कर रखा जा सकता है। इस स्टिक को खास कार्बन फाइबर स्टील, एल्मयुनियम से बनाया गया है। हल्का होने के साथ ये मजबूत भी है। इस छड़ी में हैंडल के पास इसका ट्रिगर दिया गया है। इसे ऑन करके जरूरत पड़ने पर मिर्ची बुलेट फायर किया जाInstitute of Technology and Management GIDA सकता है। मिर्ची बुलेट भीड़ को खदेड़ने का काम करती है। साथ ही इसमें पैनिक बटन भी है, जिससे मुसीबत में पुलिसकर्मी चौकी व थाने सें मदद ले सकते हैं। घटनास्थल पर पत्थर फेंके जा रहे हों तो ऐसे परिस्थिति में स्टिक को मोड़कर के पीछे लगे ग्रिप को पकड़कर इसे एक ढाल के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
दो महीने में तैयारी की गई एआई स्मार्ट छड़ी
छात्रा प्रगति ने बताया कि एआई छड़ी को बनाने में दो महीने का समय लगा। इसमें लगभग 25 हजार रुपये का खर्च आया। छड़ी को बनाने में नौ वोल्ट बैटरी, स्विच, स्टिक चेयर, मेटल पाइप, सिमकार्ड, सॉफ्टवेयर, अलार्म, ब्लूटूथ आदि उपकरणों का इस्तेमाल किया गया है।
संस्थान के निदेशक डॉ. एनके सिंह ने बताया कि कॉलेज के इन्नोवेशन सेल में सभी विभागों के छात्र अपने नवाचार पर शोध करते रहते हैं। इसके पहले भी हमारे छात्रों ने देश व समाज हित में कई आविष्कार किए हैं। इस बार छात्रों ने पुलिस के जवानों के लिए एक छड़ी तैयार की है, जो एक सफल प्रयोग साबित हो सकता है। छात्रों की इस उपलब्धि पर संस्थान के अध्यक्ष नीरज मातनहेलिया, सचिव श्यामबिहारी अग्रवाल, कोषाध्यक्ष निकुंज मातनहेलिया, संयुक्त सचिव अनुज अग्रवाल आदि ने खुशी जताई।