लखनऊ: उत्तर प्रदेश में मानसून अपनी मेहरबानी बरसा रहा है। शुक्रवार को कई जिलों में भारी बारिश हुई। शनिवार (05 जुलाई) को 44 जिलों में मौसम विभाग ने बारिश का अलर्ट जारी किया है। इनमें 13 जिलों में भारी बारिश, जबकि 31 जिलों में गरज-चमक के साथ बिजली गिरने की चेतावनी जारी की गई है।
कानपुर में रात में करीब एक घंटे तक तेज बारिश हुई। पिछले 24 घंटे में बिजली गिरने से 9 लोगों की मौत हुई है। गंगा, यमुना, सरयू समेत अधिकांश नदियां उफान पर हैं। वाराणसी का रत्नेश्वर महादेव मंदिर गंगा में आधा से अधिक डूब गया। शुक्रवार रात 11 बजे तक गंगा का जलस्तर 62.63 मीटर दर्ज किया गया। खतरे का निशान 71.262 है। पिछले 4 दिन में 136.2 मिमी बारिश हुई है। जो औसत बारिश से 18% अधिक है।मौसम विभाग का कहना है कि अगले 4 दिनों तक ऐसा ही मौसम बना रहेगा।
कानपुर में बारिश ने खोली नगर निगम की पोल
कानपुर में शुक्रवार देर रात एक घंटे की बारिश से जहां लोगों को राहत मिली वहीं बारिश में नगर निगम की पोल भी खुल गई।बारिश में नाले फुल होकर ओवर फ्लो हो गए जिससे सड़क पर पानी भर गया।गाड़ियों में पानी भरने से खराबी हुई और सड़क पर ही बंद पड़ गईं। इससे कल्याणपुर, स्वरूप नगर, विकास नगर रावतपुर, चुन्नीगंज, ग्वालटोली सहित शहर के अन्य क्षेत्रों में जलभराव की समस्या हुई।
5 दिन तक मौसम ऐसा ही रहेगा मौसम
मौसम वैज्ञानिक डॉक्टर अतुल सिंह ने बताया कि दक्षिणी पश्चिमी मानसून सक्रिय है, जिसकी वजह से उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में गरज-चमक के साथ हल्की बारिश व कहीं भारी बारिश हो रही है। 5 दिनों तक मौसम ऐसा ही बना रहेगा। अधिकतम न्यूनतम तापमान में विशेष बदलाव नहीं होगा।
इन जिलो में होगी भारी बारिश
बांदा, चित्रकूट, कौशाम्बी, प्रयागराज, सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, वाराणसी, संत रविदास नगर, गाजीपुर, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थ नगर एवं आसपास के इलाकों में भारी वर्षा की संभावना जताई है।
यहां हल्की बारिश का अलर्ट
बांदा, चित्रकूट, प्रतापगढ़, चंदौली, वाराणसी, भदोही, जौनपुर, गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, कानपुर देहात, कानपुर नगर, रायबरेली, अमेठी, सुल्तानपुर, सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, मथुरा, आगरा, फिरोजाबाद, इटावा, औरैया, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, संभल, बदायूं, जालौन, हमीरपुर, महोबा, झांसी, ललितपुर व आसपास के इलाकों में।
वाराणसी में गंगा का जलस्तर बढ़ा
मोक्षदायिनी काशी में अब मोक्ष मिलना उतना आसान नहीं रह गया है। क्योंकि, गंगा में आई बाढ़ ने महा श्मशान मणिकर्णिका घाट के ज्यादातर शवदाह वाले प्लेटफार्म को डुबो दिया है। दरअसल, वाराणसी में गंगा का जलस्तर काफी बढ़ गया है। इससे मणिकर्णिका घाट के अधिकांश शवदाह प्लेटफॉर्म डूब गए हैं। अब शवों का अंतिम संस्कार घाट की छत पर करना पड़ रहा है। वहीं, आसपास बने छोटे-छोटे मंदिर भी जलमग्न हो चुके हैं।