झांसी: झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई सरकारी मेडिकल कॉलेज में स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट (SNCU) में शुक्रवार (15 नवंबर) रात भीषण आग लग गई। हादसे में 10 बच्चों की मौत हो गई। वार्ड की खिड़की तोड़कर 39 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। घटना रात करीब साढ़े 10 बजे की है।
ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में स्पार्किंग के चलते आग लगी और फिर धमाका हो गया। इसके बाद पूरे वार्ड में आग फैल गई। वार्ड ब्वॉय ने आग बुझाने के लिए अग्निशमन यंत्र चलाया, लेकिन वह एक्सपायर हो चुका था, इसलिए काम ही नहीं किया। सूचना पर फायर ब्रिगेड की 6 गाड़ियां पहुंचीं। खिड़की तोड़कर पानी की बौझारें मारीं। डीएम-एसपी पहुंच गए। भीषण आग को देखते हुए सेना को बुलाया गया। करीब 2 घंटे में आग पर काबू पाया गया।
सीएम योगी ने की हादसे की 3 जांच होगी
इधर, हादसे के बाद सीएम योगी ने हाईलेवल मीटिंग की। उन्होंने कमिश्नर और डीआईजी को 12 घंटे के अंदर रिपोर्ट देने के आदेश दिए। सुबह 5 बजे झांसी पहुंचे डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा- हादसे की 3 जांच होगी। पहली- स्वास्थ्य विभाग करेगा। दूसरी- पुलिस करेगी। तीसरी- मजिस्ट्रेट से जांच कराई जाएगी। अगर कोई चूक पाई जाती है तो जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई करेंगे।
जनपद झांसी स्थित मेडिकल कॉलेज के NICU में घटित एक दुर्घटना में हुई बच्चों की मृत्यु अत्यंत दुःखद एवं हृदयविदारक है।
जिला प्रशासन तथा संबंधित अधिकारियों को युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्यों को संचालित कराने के निर्देश दिए हैं।
प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्माओं…
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 15, 2024
झांसी मेडिकल कॉलेज में परिजनों ने किया हंगामा
झांसी मेडिकल कॉलेज के बाहर परिजनों ने हंगामा कर दिया। जबरदस्ती कॉलेज के अंदर घुस गए। परिजन का कहना है कि जिस वार्ड में आग लगी थी, उसमें उनके बच्चे एडमिट थे। 12 घंटे बीत चुके हैं, लेकिन बच्चों के बारे में जानकारी नहीं दी गई। उनको अंदर भी नहीं जाने दिया जा रहा।
पीएम मोदी बोले- मन व्यथित है
हृदयविदारक! उत्तर प्रदेश में झांसी के मेडिकल कॉलेज में आग लगने से हुआ हादसा मन को व्यथित करने वाला है। इसमें जिन्होंने अपने मासूम बच्चों को खो दिया है, उनके प्रति मेरी गहरी शोक-संवेदनाएं। ईश्वर से प्रार्थना है कि उन्हें इस अपार दुख को सहने की शक्ति प्रदान करे। राज्य सरकार की…
— PMO India (@PMOIndia) November 16, 2024
मायावती बोलीं- दोषियों को सख्त सजा मिले
यूपी, झाँसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कालेज में आग लगने से 10 नवजात बच्चों की मौत की अति-दुखद घटना से कोहराम व आक्रोश स्वाभाविक। ऐसी घातक लापरवाही के लिए दोषियों को सख्त कानूनी सजा जरूरी। ऐसी घटनाओं की भरपाई असंभव फिर भी सरकार पीड़ित परिवारों की हर प्रकार से मदद जरूर करे।
— Mayawati (@Mayawati) November 16, 2024
अखिलेश यादव बोले- ये चिकित्सीय प्रबंधन व प्रशासन की लापरवाही
झाँसी मेडिकल कॉलेज में आग लगने से 10 बच्चों की मृत्यु एवं कई बच्चों के घायल होने का समाचार बेहद दुखद एवं चिंताजनक है। सबके प्रति संवेदनात्मक श्रद्धांजलि।
आग का कारण ‘ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर’ में आग लगना बताया जा रहा है। ये सीधे-सीधे चिकत्सीय प्रबंधन व प्रशासन की लापरवाही का मामला… pic.twitter.com/639O0QHPPK
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 16, 2024
मृतक बच्चों के परिजन को 5-5 लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान
सीएम योगी ने झांसी मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में हुई दुर्घटना पर गहरा दुःख जताया है। शुक्रवार देर रात घटना की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री ने रातों-रात उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक और प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को मौके पर भेजा। मुख्यमंत्री के निर्देश पर घटना में असमय काल कवलित नवजात बच्चों के माता-पिता को 05-05 लाख रुपये तथा घायलों के परिजनों को 50-50 हजार रुपये की सहायता मुख्यमंत्री राहत कोष से उपलब्ध कराई जा रही है। मुख्यमंत्री ने झांसी के मंडलायुक्त और डीआईजी को 12 घंटे में घटना के संबंध में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।
डिप्टी सीएम बोले- 24 घंटे में आएगी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट
जांच रिपोर्ट कब तक आएगी? इस सवाल पर डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कहा- 24 घंटे में प्राथमिक रिपोर्ट आएगी। उसके बाद मजिस्ट्रेट जांच की रिपोर्ट जैसे ही मिलेगी, वैसे ही हम कार्रवाई करेंगे। बताया- आग लगने के बाद वार्ड बॉय ने फायर फाइटिंग के सिलेंडरों को खोलकर चलाया, लेकिन आग ऑक्सीजन की वजह से लगी थी, इसलिए तेजी से भड़क गई। स्टाफ और परिजन ने मिलकर बच्चों का रेस्क्यू किया।
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा- फरवरी में अग्नि सुरक्षा ऑडिट किया गया था। जून में मॉक ड्रिल भी की गई थी। यह घटना कैसे हुई और क्यों हुई, जांच रिपोर्ट आने के बाद ही हम इस बारे में कुछ कह सकते हैं। सात नवजात शिशुओं के शवों की पहचान कर ली गई है, तीन शवों की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है। नवजात शिशुओं के परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।