उत्तर प्रदेश, देश-दुनिया, राजनीति

धर्म का अधूरा ज्ञान अधर्म की ओर ले जाता है, इसकी सही शिक्षा मिलनी चाहिए: मोहन भागवत

धर्म का अधूरा ज्ञान अधर्म की ओर ले जाता है, इसकी सही शिक्षा मिलनी चाहिए: मोहन भागवत

अमरावती: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख डॉ. मोहन भागवत रविवार को महाराष्ट्र के अमरावती में महानुभाव आश्रम के शताब्दी समारोह में शामिल हुए। इस दौरान उन्‍होंने कहा कि धर्म को समझना बहुत कठिन है। धर्म के नाम पर होने वाले सभी उत्पीड़न और अत्याचार गलतफहमी और धर्म की समझ की कमी के कारण हुए। भागवत ने कहा कि धर्म महत्वपूर्ण है और इसकी सही शिक्षा दी जानी चाहिए। धर्म का अनुचित और अधूरा ज्ञान अधर्म की ओर ले जाता है।

भानखेड़ा स्थित आश्रम में समापन कार्यक्रम में पहुंचे संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि धर्म का आचरण करने से ही धर्म की रक्षा होगी, क्योंकि धर्म का आचरण करने वाला ही धर्म को समझ सकता है। धर्म के आचरण को समझना होगा और एक बार समझ लेने के बाद उसे मन में नहीं रखना होगा, बल्कि बुद्धि में लाना होगा और धर्म का वांछित कार्य करना होगा। यद्यपि धर्म को समझना कठिन है, लेकिन अड़ गए तो इसे आसानी से समझा जा सकता है। मगर, जो अल्प ज्ञान से अहंकारवश फूला हुआ है, उसे तो ब्रह्मा भी नहीं समझ सकते।

धर्म का अधूरा ज्ञान अधर्म की ओर ले जाता है, इसकी सही शिक्षा मिलनी चाहिए: मोहन भागवत

धर्म हमेशा से अस्तित्‍व में रहा है

आरएसएस प्रमुख भागवत ने कहा कि अतीत में धर्म के नाम पर जो अत्याचार हुए, वे गलत धारणाओं के कारण हुए। ज्ञानवर्धक पंथ और संप्रदाय हमारे देश की शान हैं। विपरीत परिस्थितियों में भी महानुभाव संप्रदाय का कार्य अनवरत जारी रहता है और उसका सम्मान किया जाता है. चाहे कोई भी संप्रदाय हो, यह हमें एक-दूसरे से जुड़ना सिखाता है। एकता शाश्वत है। सारा विश्व एक है। अहिंसा से कार्य करना ही धर्म की रक्षा है। उन्होंने कहा कि धर्म का अधूरा ज्ञान अधर्म की ओर ले जाता है। धर्म के नाम पर दुनिया भर में जितने भी अत्याचार हुए हैं, वे वास्तव में धर्म के बारे में गलतफहमी और अज्ञानता के कारण हुए हैं। धर्म हमेशा से अस्तित्व में रहा है और दुनिया में सब कुछ उसी के अनुसार चलता है, इसीलिए इसे सनातन कहा गया है। धर्म का पालन करना ही धर्म की रक्षा है।

धर्म का अधूरा ज्ञान अधर्म की ओर ले जाता है, इसकी सही शिक्षा मिलनी चाहिए: मोहन भागवत

इस कार्यक्रम में पूरे देश से आए संत-महंत के साथ-साथ राज्यसभा सांसद डॉ. अनिल बोंडे, पूर्व सांसद नवनीत राणा, पूर्व पालकमंत्री प्रवीण पोटे पाटिल, यूपी के मंत्री आदि भी मौजूद थे। कार्यक्रम के दौरान संघ प्रमुख ने सप्तग्रंथराज, दिनदर्शिका, लीलाचरित्र का विमोचन
भी किया।

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *