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कानपुर सीएमओ विवाद में बैकफुट पर सरकार: डॉ. उदयनाथ को हटाया, डॉ. हरिदत्त नेमी का सस्‍पेंशन रद्द

कानपुर सीएमओ विवाद में बैकफुट पर सरकार: डॉ. उदयनाथ को हटाया, डॉ. हरिदत्त नेमी का सस्‍पेंशन रद्द

कानपुर: कानपुर के मुख्‍य चिकित्‍सा अधिकारी (CMO) के विवाद में अब नया मोड़ आ गया है। डॉ. हरिदत्त नेमी का निलंबन आदेश निरस्त कर दिया गया है। यानी वो कानपुर के CMO बने रहेंगे। वहीं, वर्तमान सीएमओ डॉ. उदयनाथ को हटा दिया गया है। उन्हें श्रावस्ती वापस भेज दिया गया है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में डॉ. हरिदत्त नेमी ने निलंबन के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की थी। इसके बाद राज्य सरकार बैकफुट पर आ गई है। इस मामले में सुनवाई 17 जुलाई को होनी थी। इससे पहले ही स्वास्थ्य विभाग के सचिव की ओर से तबादला निरस्त करने का निर्देश जारी कर दिया गया।

17 जुलाई को श्रावस्ती में कार्यभार संभालेंगे डॉ. उदयनाथ

इस संबंध में वर्तमान सीएमओ डॉ. उदयनाथ का कहना है कि शासन से मुझे पत्र मिला है। दोबारा श्रावस्ती CMO के पद पर जॉइनिंग के आदेश दिए गए हैं। इसलिए कानपुर CMO का ऑफिस छोड़ दिया है। कल गुरुवार (17 जुलाई) को श्रावस्ती CMO ऑफिस में कार्यभार संभालेंगे।

कानपुर सीएमओ विवाद में बैकफुट पर सरकार: डॉ. उदयनाथ को हटाया, डॉ. हरिदत्त नेमी का सस्‍पेंशन रद्द

स्टे के बावजूद हटाए गए थे सीएमओ

डॉ. हरिदत्त नेमी ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सरकार के फैसले के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की। इसमें कहा कि उनके तबादले पर हाईकोर्ट के (स्टे) आदेश के बावजूद उन्हें जबरन हटाया गया। याचिका 14 जुलाई, 2025 को दाखिल हुई और 15 जुलाई को पंजीकृत हो गई।

याचिकाकर्ता डॉ. हरिदत्त नेमी ने प्रमुख सचिव स्वास्थ्य, डीएम कानपुर, एडीएम, एसीपी, थाना चकेरी एसएचओ और वर्तमान सीएमओ कानपुर को पार्टी बनाया था। डॉ. नेमी के अधिवक्ता लालता प्रसाद मिश्रा ने कहा कि स्टे आदेश के बावजूद अधिकारियों ने तबादला लागू कराया। यह पूरी तरह से न्यायालय के आदेश की अवमानना है। यह न्यायिक आदेशों के सम्मान का सवाल है।

डीएम ने CMO हरिदत्त नेमी को सस्पेंड किया था

कानपुर डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने CMO डॉ. हरिदत्त नेमी को 18 जून को सस्पेंड कर दिया था। हरिदत्त नेमी ने अपने निलंबन के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। न्यायमूर्ति मनीष माथुर की एकलपीठ ने 8 जुलाई को कोर्ट ने उनके निलंबन आदेश पर रोक लगा दी। राज्य सरकार व विपक्षी को नोटिस जारी कर 4 हफ्ते में जवाब मांगा था।

हरिदत्त नेमी का कहना था कि मेरे खिलाफ बिना विभागीय जांच बैठाए मुझे निलंबित कर दिया गया। डॉ. उदय नाथ को सीएमओ बना दिया गया। कोर्ट ने कहा कि आदेश से ही स्पष्ट है कि निलंबित करते समय कोई जांच कार्यवाही नहीं की गई। इस आरोप का इतना बड़ा दंड नहीं दिया जा सकता। ऐसे में उप्र सरकारी सेवक (अनुशासन व अपील) नियमावली के तहत निलंबित नहीं किया जा सकता।

क्‍या है पूरा मामला?

दरअसल, डॉ. हरिदत्त नेमी ने 14 दिसंबर, 2023 को कानपुर में सीएमओ का कार्यभार संभाला था। 18 जनवरी, 2024 को जितेन्द्र प्रताप सिंह कानपुर के डीएम बने। डीएम ने अस्पतालों का निरीक्षण शुरू किया तो कई खामियां नजर आईं। कर्मचारी अनुपस्थित मिले थे। सीएमओ को कार्रवाई के लिए कहा तो उन्होंने टाल दिया। डीएम की जांच में सामने आया कि सीएमओ ने चयन प्रक्रिया में गड़बड़ी की है। इसके बाद सीएमओ का आडियो वायरल हो गया।

शासन ने 19 जून को सीएमओ डा. हरिदत्त को निलंबित कर महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं लखनऊ कार्यालय से संबद्ध कर दिया। अपर मुख्य चिकित्साधिकारी श्रावस्ती के पद पर तैनात डॉ. उदय नाथ को कानपुर का सीएमओ बनाया। लेकिन, डॉ. हरिदत्त हाईकोर्ट से स्टे ले आए। अब मंगलवार को शासन की ओर से आए आदेश ने सभी को हैरान में डाल दिया है।

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