नई दिल्ली: अब इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) बैलेट पेपर पर राजनीतिक उम्मीदवारों के रंगीन फोटो होंगे। इसके अलावा प्रत्याशियों की नंबरिंग और उनका फोंट साइज भी बड़ा होगा, जिससे वोटर उसे अच्छे से पढ़ और देख सके।
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, चुनाव आयोग (ECI) इसकी शुरुआत बिहार विधानसभा चुनाव से करेगा। इसके लिए आयोग ने एक गाइड लाइन जारी की है।
ईवीएम में यह सुधार, 28 सुधारों का हिस्सा
चुनाव आयोग ने बताया कि यह पहल उन 28 सुधारों का हिस्सा है, जिन्हें पिछले छह महीनों में मतदाताओं की सुविधा और चुनावी प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए लागू किया गया है। ईवीएम बैलेट पेपर में सभी उम्मीदवारों के नाम, चुनाव चिह्न और फोटो होता है। मतदाता इसे देखकर वोट देता है।
EVM ballot paper to have colour photographs of candidates starting from Bihar polls: ECI
Read @ANI Story | https://t.co/jcuToqjGAa#ECI #EVM #photo pic.twitter.com/P4eW1f3FoL
— ANI Digital (@ani_digital) September 17, 2025
निर्वाचन आयोग ने बताया कि निर्वाचन नियम, 1961 के नियम 49B के तहत EVM बैलेट पेपर की डिजाइन और प्रिंटिंग संबंधी मौजूदा दिशानिर्देशों में संशोधन किया गया है, ताकि उनकी स्पष्टता और पठनीयता को बढ़ाया जा सके।
चुनाव आयोग के 4 बड़े बदलाव
- EVM बैलेट पेपर पर कैंडिडेट्स की कलर फोटो होंगी।
- कैंडिडेट्स का चेहरा फोटो के तीन-चौथाई हिस्से पर होगा।
- कैंडिडेट्स/नोटा के सीरियल नंबर का फॉन्ट इंटरनेशनल फॉर्मेट में होगा।
- फॉन्ट का आकार 30 होगा और बोल्ड में होगा।
EVM बैलेट पेपर में फॉन्ट साइज 30 और बोल्ड रखा जाएगा
चुनाव आयोग ने बताया कि उम्मीदवारों/नोटा के क्रमांक अंतर्राष्ट्रीय स्वरूप (यानी 1,2,3…) में भारतीय अंकों में छापे जाएंगे। स्पष्टता के लिए फॉन्ट साइज 30 और बोल्ड रखा जाएगा। EC के बयान के अनुसार, EVM बैलेट पेपर 70 जीएसएम पेपर पर छापे जाएंगे।
विधानसभा चुनावों के लिए विशेष RGB वाले गुलाबी रंग के पेपर का उपयोग किया जाएगा। सभी उम्मीदवारों/नोटा के नाम एक ही फॉन्ट प्रकार और फॉन्ट साइज में बड़े अक्षरों में छापे जाएंगे।
कैसे काम करती है EVM?
- EVM में दो यूनिट होती हैं। पहली कंट्रोल यूनिट, दूसरी बैलेट यूनिट। दोनों को 5 मीटर केबल से जोड़ा जाता है। कंट्रोल यूनिट पोलिंग ऑफिसर के पास होती है और बैलेट यूनिट कम्पार्टमेंट में रखी होती है।
- पोलिंग अफसर के बैलेट बटन दबाने के बाद वोटर अपना वोट डालता है। इसके लिए कैंडिडेट के सिंबल के सामने लगा नीला बटन दबाना होता है।
- EVM की वोट कैपिसिटी 3840 है, जबकि एक पोलिंग स्टेशन पर वोटर्स की संख्या 1500 के आसपास होती है।
- अगर किसी इलाके में पावर कनेक्शन नहीं है, तो वहां भी EVM काम कर सकती है, क्योंकि ये 6 वोल्ट की सिंपल बैटरी से चल सकती है।
देश के आधे से ज्यादा वोटर्स से पेपर नहीं मांगेंगे
चुनाव आयोग (EC) ने बुधवार को यह भी बताया कि स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के दौरान देश के ज्यादातर राज्यों में आधे से ज्यादा मतदाताओं को किसी प्रकार का दस्तावेज दिखाने की जरूरत नहीं होगी। ऐसा इसलिए, क्योंकि उनके नाम पिछली SIR की वोटर लिस्ट में शामिल हैं।
न्यूज एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, आयोग के अधिकारियों ने बताया कि हर राज्य में पिछली बार SIR अलग-अलग सालों में हुआ था। ज्यादातर जगह यह प्रक्रिया 2002 से 2004 के बीच हो गई थी। जिन लोगों के नाम उस समय की वोटर लिस्ट में थे, उन्हें अपनी जन्मतिथि या जन्मस्थान साबित करने के लिए कोई नया कागज नहीं देना होगा।