लखनऊ: इप्सेफ के 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने सांसद राहुल गांधी से रायबरेली में मिलकर कर्मचारियों की पीड़ा बताई। कांग्रेस नेता ने वादा किया कि देशभर के कर्मचारी की कठिनाईयों और अन्य समस्याओं को दूर करने में पूरा सहयोग करते रहे हैं और करते रहेंगे। यह जानकारी देते हुए इंडियन पब्लिक सर्विस इंप्लाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीपी मिश्र ने बताया कि एनटीपी गेस्ट हाउस में 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने राहुल गांधी को करोड़ों कर्मचारियों की पीड़ा से अवगत कराया है।
वीपी मिश्रा ने बताया कि उन्हें अवगत कराया की उनके प्रयास से यूपीए सरकार में प्रस्तावित वर्ष 2016 से 2 वर्ष पूर्व ही सातवें वेतन आयोग का गठन हो गया था। एक जनवरी 2016 से उसका लाभ दिया गया था। इप्सेफ की मांगों पर केंद्र सरकार ने आठवें वेतन आयोग की घोषणा तो कर दी परंतु इसका गठन न होने से इसका लाभ एक जनवरी 2026 से मिल पाना संदिग्ध लगता है। 50% से ज्यादा डीए हो जाने पर 50% डीए मर्जर भी भारत सरकार ने मर्जर नहीं किया है। पुरानी पेंशन को बहाल करने का इंडिया गठबंधन ने वादा तो किया था, परंतु अभी तक बहाली नहीं की गई।
महंगाई से कर्मचारी, शिक्षक व जनता परेशान
उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने एनपीएस और यूपीएस के रूप में पेंशन देने का निर्णय किया है, जो कर्मचारी को स्वीकार्य नहीं है। दूसरी समस्या देशभर में बेरोजगारी व भीषण महंगाई से कर्मचारी, शिक्षक व जनता परेशान है। युवाओं को आउटसोर्स के रूप में एजेंसी के माध्यम से कर्मचारी रखने से युवा वर्ग को 8000 रुपये प्रतिमाह मिलता है, जिससे उनके परिवार का खान-पान शिक्षा दीक्षा आदि खर्च पूरा नहीं हो पा रहा है, उनका जीवन दुभर हो गया है।
युवाओं और कर्मचारियों को न्याय दिलाने में करें सहयोग
इप्सेफ ने राहुल गांधी से आग्रह किया है कि देशभर के युवा वर्ग एवं कर्मचारी को न्याय दिलाने में सहयोग प्रदान करें। राहुल गांधी ने आश्वासन दिया कि वे युवाओं को रोजगार दिलाने एवं उनकी कठिनाइयों को दूर करने में पूरा सहयोग करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि जहां उनके दल की सरकार है, वहां के मुख्यमंत्री से कहेंगे कि कर्मचारी संगठनों से मिलकर बातचीत करके कर्मचारियों की समस्याओं का निवारण करें।
प्रतिनिधिमंडल में वीपी मिश्र राष्ट्रीय अध्यक्ष, अतुल मिश्रा उप महामहासचिव, सुरेश कुमार रावत उपाध्यक्ष, प्रेमचंद चतुर्वेदी, प्रमोद कुमार, संजय मधेशीया, राजेश सिंह, रमेश चंद्र श्रीवास्तव, दिवाकर सिंह आदि लोग शामिल रहे।