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– न दर्द, न चीर-फाड़, क्षारसूत्र है बवासीर का सबसे असरदार इलाज
लखनऊ (अभिषेक पाण्डेय): आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में बड़ी संख्या में लोग बवासीर (पाइल्स) से परेशान हैं। इस बीमारी से परेशान लोग जब मल त्याग करते हैं, तब उनके मलाशय की नसों में सूजन आ जाती है और असहनीय दर्द होने लगता है। बवासीर की वजह से कई बार शौच के दौरान खून निकलने लगता है। अगर इसका सही वक्त पर इलाज न कराया जाए तो यह परेशानी बेहद गंभीर हो सकती है। लंबे समय तक इस परेशानी को नजअंदाज किया जाए तो जानलेवा बन सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो बवासीर की सबसे बड़ी वजह कब्ज होती है।
कब्ज की वजह से लोगों का पेट साफ नहीं होता है और मलत्याग के दौरान लोगों को जोर लगाना पड़ता है। इसकी वजह से मलाशय के निचले हिस्से की नसों में सूजन आ जाती है और लोगों को दर्द होने लगता है। लाइफस्टाइल में जरूरी बदलाव, फाइबर फूड्स का सेवन करने और नियमित रूप से एक्सरसाइज करने से इसका खतरा कम हो सकता है। इस बात की जानकारी एनोरेक्टल सर्जन (क्षारसूत्र और लेजर विशेषज्ञ) डॉ. सुशील मौर्य ने दी है। माई नेशन लखनऊ ब्यूरो चीफ अभिषेक पाण्डेय से ख़ास बातचीत के दौरान डॉ. सुशील ने और भी महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर प्रकाश डाला है। पढ़िए इस बातचीत के विशेष अंश…
सवाल: पाइल्स क्या है और इसके लक्षण क्या होते हैं?
जवाब: लाइफस्टाइल डिसऑर्डर की वजह से पाइल्स की समस्या से लोगों को जूझना पड़ता है। हम अपने खान-पान में कमी रखते हैं, पाइल्स यानी बवासीर का सबसे बड़ा लक्षण है निरंतर कांस्टीपेशन की समस्या। वैसे तो पाइल्स दो प्रकार की होती है, आंतरिक बवासीर और बाहरी बवासीर। आंतरिक बवासीर से खून बह सकता है, लेकिन वे आमतौर पर दर्दनाक नहीं होते। बाहरी बवासीर खुजली और दर्द वाली हो सकती है। पाइल्स मुख्य रूप से सूजी हुई रक्त वाहिकाएं हैं। पाइल्स की वजह से एनस की नसे सूजने लगती हैं। एनस के अंदरूनी या फिर बाहर के हिस्से में मस्से बन जाते हैं जिनसे कई बार खून तक निकलने लगता है। पाइल्स की बीमारी की सबसे बड़ी वजह खराब डाइट और बिगड़ता लाइफस्टाइल है। डाइट में फ्राई और प्रोसेस फूड, मसालेदार खाना, एल्कोहल, डेयरी प्रोडक्ट, रिफाइंड ग्रेन और ज्यादा नमक का सेवन करने से बवासीर की बीमारी होने लगती है।
सवाल: पाइल्स के इलाज के विकल्प क्या हैं? क्या घरेलु उचार को आजमाना चाहिए?
जवाब: देखिए, अगर आप अपना लाइफस्टाइल चेंज कर देंगे, समय पर सोयेंगे, समय पर उठेंगे, नियमित व्यायाम करेंगे, पैदल चलेंगे, खूब पानी पियेंगे तो ये समस्या आपके आस-पास भी नहीं भटकेगी। फाइबर युक्त चीज़ों का सेवन करना भी जरूरी है। अगर पाइल्स का शुरूआती दौर है तो जो भी बताया गया है, मात्र उसी को फॉलो करने से आपको काफी हद तक आराम मिल जाएगा। इसके साथ दवाइयों का भी महत्वपूर्ण रोल रहता है। घरेलु उपाय सिर्फ लाइफस्टाइल मॉडिफिकेशन तक ही सीमित रखना चाहिए, क्योंकि बिना डॉक्टरी परामर्श के कोई भी दवा खाने से आपको सही इलाज नहीं मिल पायेगा। डाईट सुधारने से आराम तो मिलेगा लेकिन इसके साथ दवाइयों का भी अहम् योगदान हैं। दवाइयों का सेवन डॉक्टरी परामर्श से ही करें, स्वंय कोई भी दवा न लें नहीं तो सिचुएशन बिगड़ भी सकती है और इलाज भी लंबा चल सकता है।
सावल: क्या पाइल्स ठीक करने के लिए सर्जरी की आवश्यकता होती है?
जवाब: देखिए, शुरूआती दौर में पाइल्स को दवाइयों, डाइट प्लान और परहेज़ से ठीक किया जा सकता है। वहीं, अगर आपने इसको नज़रअंदाज किया तो समस्या और इलाज, दोनों गंभीर हो जायेंगे। फिर इसको ठीक करने के लिए क्षारसूत्र थेरेपी को अपनाना पड़ता ह क्षार-सूत्र एक सर्जिकल प्रक्रिया है, जिसका इस्तेमाल बवासीर के इलाज में होता रहा है। इसे बवासीर के लिए सबसे बेस्ट इलाज माना है। यह एक तरह सर्जिकल धागा होता है, जिस पर कई दवाएं लगी होती हैं। इस पद्धति को डब्ल्यूएचओ, एम्स, आईसीएमआर, और पीजीआई जैसी हेल्थ संस्थाओं ने भी इस पर रिसर्च की हैं। भारत के आयुष मंत्रालय ने भी इसे कारगर माना है। क्षार-सूत्र टेक्निक में एक धागे का इस्तेमाल किया जाता है। यह धागा सर्जिकल धागा होता है। यह धागा लेनिन का बना होता है। बवासीर के छोटे और बड़े मस्सों को इस धागे से बांध दिया जाता है। यह धागा मस्सों में होने वाले ब्लड फ्लो को रोक देता है। इससे एक ही दिन में आपका इलाज हो जाता है और एडमिट होने की जरूरत नहीं होती है। रोजाना के कामों में कोई दिक्कत नहीं होती। यह बहुत सस्ता और सुरक्षित इलाज माना जाता है। इसमें दर्द न के बराबर होता है।
सवाल: किस तरह का विशेष आहार लेने से पाइल्स की समस्या से निजात पाया जा सकता है?
जवाब: इस बीमारी को कंट्रोल करने के लिए आप लम्बे समय तक एक जगह पर नहीं बैठें। एक घंटे में सीट से उठें और कुछ देर के लिए वॉक करें। डाइट में फाइबर वाले फूड्स का सेवन करें। फाइबर में आप सॉल्यूबल फाइबर और इंसॉल्यूबल दोनों तरह के फाइबर का सेवन करें। फाइबर का सेवन पाइल्स को कंट्रोल करने में असरदार साबित होता है। आप साबुत अनाज का सेवन करें। फाइबर से भरपूर अनाज कब्ज को दूर करेगा, पाचन को दुरुस्त करेगा और पाइल्स के लक्षणों को कंट्रोल करेगा। पाइल्स और कब्ज को कंट्रोल करना है तो आप डाइट में फाइबर वाली सब्जियों का सेवन करें। ब्रोकली, स्प्राउट्स, पालक और गाजर का सेवन करें आपको फायदा होगा। कब्ज को दूर करने के लिए और पाइल्स को कंट्रोल करने के लिए आप डाइट में कुछ खास फलों को शामिल करें। डाइट में आप जामुन, सेब, नाशपाती और संतरे का सेवन करें आपको फायदा होगा।
सवाल: युवा भी इस समस्या से जूझ रहे हैं? ऐसा क्यों, युवाओं को क्या सलाह देंगे
जवाब: जंक फूड के सेवन और निष्क्रिय जीवन शैली के कारण युवाओं में दर्दनाक बवासीर, फिस्टुला और फिशर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। जंक फूड के सेवन के कारण 18-25 आयु वर्ग के लोगों में यह बीमारी ज्यादा देखने को मिल रही है। बवासीर, फिस्टुला और फिशर के मामले युवाओं में बढ़ रहे हैं। इनमें ज्यादातर पुरुष हैं। पिछले कुछ सालों में इन रोगियों की संख्या में वृद्धि हुई है। इसलिए संतुलित आहार लेना जरूरी है, प्रतिदिन व्यायाम करना, भोजन में फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल कर कब्ज को रोकना, पर्याप्त पानी पीकर उचित जलयोजन बनाए रखना, धूम्रपान और शराब का सेवन छोड़ना और मल त्याग के दौरान तनाव से बचना।