लंदन: सेंट्रल लंदन में शनिवार (13 सितंबर) को एक लाख से अधिक लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन को ‘यूनाइट द किंगडम’ नाम दिया गया, जिसे एंटी-इमिग्रेशन नेता टॉमी रॉबिन्सन ने लीड किया। इसे ब्रिटेन की सबसे बड़ी दक्षिणपंथी रैली माना जा रहा है। इस प्रदर्शन में टेस्ला मालिक इलॉन मस्क वीडियो के जरिए शामिल हुए।
मीडिया चैनल ‘द इंडिपेंडेंट’ के मुताबिक उन्होंने टॉमी रॉबिन्सन से बात की। इलॉन मस्क ने कहा, ‘हिंसा तुम्हारे पास आ रही है। या तो लड़ो या मरो।’ मस्क ने ब्रिटेन में संसद भंग करने की मांग की। उन्होंने कहा, ‘सरकार बदलनी होगी।’ वहीं, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर उस वक्त फुटबॉल मैच देख रहे थे। वे अपने बेटे के साथ लंदन के एमिरेट्स स्टेडियम में थे, जब शहर में हिंसा हो रही थी।
"You either fight back, or you die. You either fight back, or you die. And that's the truth."
Elon Musk addresses Tommy Robinson and millions of British patriots in London at Unite the Kingdom. pic.twitter.com/46INJXP59i
— Ian Miles Cheong (@stillgray) September 13, 2025
28 हजार प्रवासी इस साल ब्रिटेन पहुंचे
इस प्रदर्शन का मकसद ब्रिटेन में अवैध अप्रवासन (इलीगल इमीग्रेशन) के खिलाफ आवाज उठाना था। प्रदर्शनकारी मांग कर रहे थे कि अवैध प्रवासियों को देश से बाहर किया जाए। इस साल 28 हजार से ज्यादा प्रवासी इंग्लिश चैनल के रास्ते नावों में ब्रिटेन पहुंचे थे। इसी दिन “स्टैंड अप टू रेसिज्म” नामक एक विरोधी प्रदर्शन भी हुआ, जिसमें लगभग 5,000 लोग शामिल थे। दोनों समूहों के बीच टकराव रोकने के लिए पुलिस ने घेराबंदी कर रखी थी।
मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने मीडिया को बताया कि ‘यूनाइट द किंगडम’ मार्च के दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस का घेरा तोड़ने की कोशिश की और विरोधी समूह की ओर बढ़ने का प्रयास किया। इस दौरान कई पुलिसकर्मियों पर हमला हुआ। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए 1,600 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया, जिनमें 500 अन्य क्षेत्रों से बुलाए गए थे।
प्रदर्शनकारियों ने अमेरिकी और इजराइली झंडे लहराए
प्रदर्शनकारियों ने यूनियन जैक और सेंट जॉर्ज क्रॉस के झंडे लहराए। कुछ ने अमेरिकी और इजराइली झंडे भी उठाए। कई प्रदर्शनकारी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से जुड़ी “मेक अमेरिका ग्रेट अगेन” टोपी पहने हुए थे। प्रदर्शन में प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के खिलाफ नारे लगाए गए और “उन्हें वापस भेजो” जैसे संदेशों वाले बैनर दिखाई दिए। कुछ लोग अपने बच्चों को भी साथ लाए। टॉमी रॉबिन्सन, जिनका असली नाम स्टीफन यैक्सली-लेनन है, ने इस मार्च को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उत्सव बताया।