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BSP: आकाश आनंद की वापसी की मांग तेज़, जयप्रकाश को लेकर भी जारी है मांग

BSP: हाथी की रफ़्तार बढाने के लिए आकाश आनंद ने बनाई ये रणनीति

लखनऊ: लोकसभा चुनाव में बुरी तरह शिकस्त के बाद बसपा में आकाश आनंद की वापसी की मांग तेज होती जा रही है। बीते दो दिन के दौरान सोशल मीडिया पर आकाश की वापसी की मांग वाला हैशटैग टॉप ट्रेंड करता रहा। साथ ही, बसपा के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं नेशनल कोऑर्डिनेटर जयप्रकाश सिंह की वापसी की भी मांग की जा रही है। जयप्रकाश को छह साल पहले बसपा सुप्रीमो ने पार्टी से निष्कासित कर दिया था। पार्टी कार्यकर्ताओं का मानना है कि बसपा को दोबारा स्थापित करने के लिए आकाश और जयप्रकाश की वापसी जरूरी है।

पार्टी में आकाश की वापसी के लिए उठ रहे स्वर

बता दें कि आकाश आनंद को नेशनल कोऑर्डिनेटर के पद से हटाने के बाद अमेठी के दो बसपा नेताओं ने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद से ही लगातार पार्टी में आकाश की वापसी के लिए स्वर उठ रहे हैं। लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद आकाश के साथ जयप्रकाश की वापसी की भी मांग हो रही है।

जयप्रकाश को बसपा सुप्रीमो मायावती ने छह साल पहले राहुल गांधी समेत कई नेताओं पर दिए गए विवादित बयान के बाद पार्टी से बाहर कर दिया था। उन पर पार्टी के नाम पर चंदा वसूलने का भी आरोप लगाया गया था। जयप्रकाश को मायावती के भाई आनंद कुमार का करीबी बताया जाता है। हालांकि निष्कासन के बाद भी वह लगातार बसपा का प्रचार करते रहे हैं।

बसपा में एक्शन का सिलसिला हो रहा तेज

बसपा में हार के बाद पार्टी पदाधिकारियों और प्रत्याशियों पर कार्रवाई शुरू हो गई है। हरियाणा के बसपा प्रदेश अध्यक्ष राजवीर सोरखी और प्रदेश प्रभारी सुमेर जांगड़ा को हटा दिया है। पार्टी ने धर्मपाल को नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। वहीं, सहारनपुर के प्रत्याशी माजिद अली को भी पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। उनके भाई बॉलीवुड एक्टर केकेआर को भी आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर पार्टी से बाहर कर दिया गया है। यही नहीं, कई कोऑर्डिनेटर के कार्यक्षेत्र में भी फेरबदल किया जा रहा है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक बसपा सुप्रीमो मायावती लगातार जिलाध्यक्षों से हार के कारणों पर रिपोर्ट ले रही हैं। इसके बाद बड़े पैमाने पर कार्रवाई होने के संकेत हैं।

चुनाव के दौरान हुई कार्रवाई

बसपा सुप्रीमो ने चुनाव के दौरान झांसी के प्रत्याशी और जिलाध्यक्ष को हटा दिया था। इसी तरह बरेली में प्रत्याशी का नामांकन खारिज होने की गाज जोनल कोऑर्डिनेटर और जिलाध्यक्ष पर गिरी थी।

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