लखनऊ: किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के 120वां स्थापना दिवस के अवसर पर शनिवार (21 दिसंबर) को कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल हुए। इससे पहले डीन प्रो. अमिता जैन ने आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. मानिंद्र अग्रवाल का स्वागत किया। सीएम योगी ने भी प्रो. मानिंद्र को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने 66 मेधावियों को मेडल से सम्मानित किया, जिसमें 53 छात्राएं और 13 छात्र शामिल हैं।
इस अवसर पर बोलते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि सन् 1905 में जब यहां मेडिकल कॉलेज खोलने की बात आई। उस समय की रियासतों ने सहयोग किया। 10 लाख 75 हजार 800 रुपये से मेडिकल कॉलेज प्रारंभ हो गया। आज शानदार यात्रा के साथ देश के सबसे बड़े मेडिकल संस्थान के रूप में केजीएमयू अग्रणी चिकित्सा संस्थान बना है। इस यात्रा को मैं देखता हूं तो मुझे लगता है कि लगभग 100 एकड़ के क्षेत्रफल में इसका दायरा होने जा रहा है।
प्रदेश सरकार ने KGMU के लिए ₹300 करोड़ स्वीकृत किए हैं… pic.twitter.com/Izquw7JHQ8
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) December 21, 2024
मुख्यमंत्री ने कोरोना के दिनों को किया याद
सीएम योगी ने कहा कि संकट के समय हर किसी की पहचान होती है। जब अचानक कोई चुनौती सामने आती है तो सब मैदान छोड़कर भागते हैं। वक्त सबका आता है, कोई बिखर जाता है, कोई निखर जाता है। कोरोना के टाइम एक मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने खुद को कोरेंटाइन कर लिया। उस समय स्थिति सामान्य थी। कोई पेशेंट नहीं था। हमें पता चला तो हमने जो लोग कोरेंटाइन हुए थे, उनके ही घर पर टीम भेज दी। उनका सैंपल लिया। सभी निगेटिव आए। कई लोग मैनेज करने का प्रयास किए। टीम ने चौथी लहर तक उनको किनारे रखा। बाद में सभी को सस्पेंड कर दिया गया।
एक सफल डॉक्टर की सबसे बड़ी पूंजी होती है- उसकी संवेदना…
उसका एक ही संकल्प होता है- सर्वे संतु निरामया: pic.twitter.com/ur9tGqcTil
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) December 21, 2024
जब भी कोई बजट मांगा तत्काल उसे मिला: डिप्टी सीएम
वहीं, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि KGMU का इतिहास गौरवशाली है। चिकित्सा विज्ञान की भारत ही नही दुनिया में कही कोई मेडिकल इवेंट होता है तो कोई न कोई जॉर्जियन अपनी प्रतिभा के बल पर लीड कर रहा होता है। जब भी आपने कोई बजट मांगा तत्काल दिया। दूसरे विभाग की जमीन भी आपको सीएम ने दी है। ट्रॉमा सेंटर में दोपहर बाद 3 से 4 बजे के करीब लगता है, जुलूस निकल रहा है। मुझे उम्मीद है कि जो भी मरीज आएगा, उसे निराश होकर वापस नहीं भेजा जाएगा। 50 करोड़ की लागत से IIT कानपुर मेडिकल स्कूल एस्टेब्लिश करेगा। इसका मकसद मेडिकल और टेक्निकल संस्थान को एक छत के नीचे लेकर आना।
प्रो. मानिंद्र अग्रवाल ने कही ये बात
इस मौके पर मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए प्रो. मानिंद्र अग्रवाल ने कहा कि आने वाला समय तकनीक का है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर बहुत चर्चा है। कहा जा रहा है कि यह लोगों की नौकरी ले लेगा। वास्तव में ऐसा नहीं है। मशीन कभी मानव का विकल्प नहीं हो सकती। तकनीक मानव की भूमिका बदल सकती है, पर विकल्प नहीं बन सकती।
उन्होंने कहा कि एआई के आने से दो सबसे बड़े प्रभाव पड़ने वाले हैं। पहला रोबोटिक्स और दूसरा विश्लेषण। इन दोनों में मानव मशीन की बराबरी नहीं कर सकता है। रोबोट के माध्यम से जटिलतम सर्जरी की जा सकती है। विभिन्न प्रकार की जांच की रिपोर्टिंग में भी तकनीक का रोल अहम होगा। हालांकि, बात जब जटिल परिस्थिति में निर्णय लेने की होगी तब मानव का मुकाबला नहीं हो सकता। उन्होंने इस मौके पर आईआईटी कानपुर और केजीएमयू के बीच चल रहे अनुसंधान के बारे में भी जानकारी दी।
टेलीमेडिसिन सेंटर की शुरुआत को मंजूरी
केजीएमयू कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने स्थापना दिवस समारोह में कहा कि संस्थान में प्रदेश का पहला ‘अपेक्स सेंटर फॉर वूमेन एंड चाइल्ड केयर सेंटर’ की स्थापित होगा। इसका प्रस्ताव शासन के पास भेज दिया गया है। इसके साथ ही संस्थान में टेलीमेडिसिन सेंटर की शुरुआत को मंजूरी मिल गई है।
साल भर में 22 लाख से ज्यादा मरीजों का किया गया इलाज
कुलपति ने बताया कि पिछले एक साल में संस्थान में कुल 22 लाख से ज्यादा मरीजों का इलाज किया गया। इनमें 19 लाख मरीज ओपीडी, 1.50 लाख मरीज भर्ती हुए, एक लाख के करीब छोटे बड़े ऑपरेशन हुए। इसके साथ ही करीब 90 हजार मरीजों को ट्रॉमा सेंटर में इलाज दिया गया। सरकारी योजनाओं से 30 हजार मरीजों को नि:शुल्क इलाज मिला। इसके साथ ही 22 करोड़ रूपये के 290 प्रोजेक्ट भी मिले।
इस कार्यक्रम में प्रो. माला कुमार, प्रो. आरके गर्ग, प्रो. एसके द्विवेदी, प्रो. शादाब मोहम्मद, प्रो. अमिता जैन, प्रो. उमाशंकर, प्रो. देवेश सिंह और प्रो. गोपा बनर्जी शिक्षकों को सम्मानित किया गया। ये सभी शिक्षक कुछ समय में रिटायर होने वाले हैं। कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक, राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. मानिंद्र अग्रवाल व कुलपति सोनिया नित्यानंद मौजूद रहे।
12 मंजिला भवन में 1300 तीमारदार फ्री में रह सकेंगे
92 बेड का ICCU और 2 कैथ लैब तैयार हो गए। स्पोर्ट्स मेडिसिन और प्रदेश का पहला बोन बैंक भी होगा। ट्रॉमा सेंटर के विस्तार के लिए 500 बेड के नए ब्लॉक के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है। उम्मीद है कि बहुत जल्द इसका लाभ मिलेगा। ONGC से CSR फंड के जरिए 12 मंजिला भवन में 1300 तीमारदार फ्री में रह सकेंगे।