लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को लोक भवन सभागार में 1510 नवचयनित अनुदेशकों को नियुक्ति पत्र सौंपे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कौशल विकास और रोजगार सृजन को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। प्रदेश में सभी विभाग मिलकर काम करें तो नौकरी की बौछार होगी। उत्तर प्रदेश के युवाओं को हुनर और रोजगार से जोड़ने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युवाओं को रोजगार से जोड़ने का संकल्प लिया है। इसी का परिणाम है कि बीते 8 वर्षों में देशभर में 8.5 लाख से अधिक सरकारी नौकरियां दी गई हैं। उत्तर प्रदेश में भी विभिन्न आयोगों और बोर्ड के माध्यम से पारदर्शी प्रक्रिया अपनाकर चयन किया जा रहा है। हमारी प्राथमिकता है कि किसी भी नौजवान को किसी स्तर पर भेदभाव का शिकार न होना पड़े।
निष्पक्ष और पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया
सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) ने भर्ती प्रक्रिया को पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी बनाकर विश्वास कायम किया है। युवाओं को अब बिना किसी सिफारिश और भ्रष्टाचार के केवल योग्यता के आधार पर अवसर मिल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का संकल्प है- “सबको हुनर, सबको रोजगार।” व्यवसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता विभाग के माध्यम से प्रशिक्षित युवाओं को उद्योगों से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
शेष 341 पदों का परिणाम भी जल्द होगा घोषित
प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने कहा कि प्रशिक्षण क्षमता बढ़ाने के लिए प्रदेश के 286 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में 92 व्यवसाय संचालित हैं, जिनमें 1,84,280 सीटें उपलब्ध हैं। इन संस्थानों में 7768 अनुदेशक के पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 6577 नियमित और 1191 आउटसोर्सिंग के हैं।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 में रिक्त 2406 पदों पर भर्ती प्रक्रिया अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से प्रारम्भ की गई थी, जिसके तहत 1510 अनुदेशकों का चयन हुआ है। शेष 341 पदों का परिणाम भी शीघ्र घोषित होने की संभावना है। इस प्रकार कुल 1851 चयनित अनुदेशक विभाग को प्राप्त होंगे, जिनसे राजकीय आईटीआई में गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण सुनिश्चित होगा।
प्रोजेक्ट प्रवीण में 20 हजार छात्रों को प्रमाण पत्र
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत प्रोजेक्ट प्रवीण कार्यक्रम माध्यमिक विद्यालयों में लागू किया गया है, जिसके अंतर्गत 600 से अधिक विद्यालयों में कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों को प्रतिदिन 90 मिनट कौशल प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अब तक 20 हजार छात्र-छात्राओं को राष्ट्रीय स्तर के प्रमाणपत्र प्रदान किए जा चुके हैं।
1.80 लाख ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षण
दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के माध्यम से पिछले आठ वर्षों में 1.80 लाख ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया, जिनमें से 1.30 लाख को सेवायोजित किया गया। वहीं प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना के अंतर्गत 500 प्रतिष्ठित कंपनियों में 2.50 हजार से अधिक युवाओं की इंटर्नशिप प्रारम्भ की गई है, जिसमें उन्हें 5000 रूपये मासिक मानदेय दिया जा रहा है।
रोजगार मेलों के जरिए 4.13 लाख से अधिक युवाओं को नौकरी
रोजगार मेलों के माध्यम से भी प्रदेश में 1736 कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं, जिनमें 4.13 लाख से अधिक युवाओं को 2537 कंपनियों में नौकरी का अवसर मिला है।
मंच पर रहे मंत्री और जनप्रतिनिधि
कार्यक्रम में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल भी मौजूद रहे। साथ ही विधायक नीरज बोरा, विधान परिषद सदस्य मुकेश शर्मा और लालजी प्रसाद निर्मल भी मंच पर उपस्थित थे। प्रदेश भर से चयनित 1510 अनुदेशक लोक भवन में आयोजित समारोह में शामिल हुए। मुख्यमंत्री से नियुक्ति पत्र पाकर उनके चेहरों पर उत्साह और भविष्य को लेकर नई उम्मीदें साफ झलक रही थीं।