अयोध्या: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार (20 दिसंबर) को अयोध्या पहुंचे हैं। आज वह सबसे पहले हनुमानगढ़ी पहुंचे और पूजा-अर्चना की। इसके बाद राम मंदिर में पहुंचकर रामलला का आशीर्वाद लिया। सीएम, प्रसिद्ध पीठ अशर्फी भवन में जगतगुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्रीधराचार्य महाराज के सानिध्य में हो रहे धार्मिक अनुष्ठान में शामिल होंगे।
सीएम योगी दोपहर करीब 3 बजे तक अयोध्या में ही रहेंगे। अशर्फी भवन आश्रम में धार्मिक अनुष्ठान में योगी भी शामिल होंगे। इसके बाद संतों के साथ सरयू अतिथि भवन में योगी बैठक करेंगे। इसमें महाकुंभ की तैयारी और रामलला के वार्षिकोत्सव को लेकर अधिकारियों के साथ समीक्षा करेंगे।
#WATCH अयोध्या: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हनुमान गढ़ी मंदिर में पूजा की। pic.twitter.com/UYtBK2IovT
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 20, 2024
श्रीमद् भागवत का पाठ कर रहे 108 विद्वान
अशर्फी भवन में पंच नारायण महायज्ञ, अष्टोत्तर शत श्रीमद् भागवत परायण पाठ, श्रीमद् भागवत कथा चल रही है। इसमें हजारों भक्त शामिल हुए हैं। इस कार्यक्रम में योगी शामिल हो रहे हैं। वे पहले भी इस आश्रम में आ चुके हैं। श्रीमद् भागवत का पाठ कर रहे 108 विद्वानों को अनंत श्री विभूषित जगतगुरु स्वामी श्रीधराचार्य महाराज ने दक्षिणा में कंबल दिए। मंदिर प्रांगण में भंडारे का आयोजन हो रहा है।
श्रीमद् भागवत कथा जगतगुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्रीधराचार्य महाराज ने कहा- ध्रुव के जैसी अविरल भक्ति यदि हम सब जीवों में व्याप्त हो जाए तो निश्चित ही हमें परमात्मा की प्राप्ति हो सकती है। परमात्मा की प्राप्ति का मार्ग बड़ा ही कठिन है।
रात में CM के गुजरने वाले रास्तों की धुलाई हुई
योगी के आगमन को देखते हुए रामपथ, धर्म पथ और भक्ति पथ की धुलाई रात में कराई गई। योगी को जिस रास्ते से गुजरना है, वहां चूने का छिड़काव कर सफाई कराई गई। अतिक्रमण भी हटाया गया है।
रामायण मेले का उद्घाटन करने आए थे सीएम योगी
अयोध्या में योगी इससे पहले 5 दिसंबर को आए थे। तब रामायण मेले का उद्घाटन किया था। योगी ने कहा था- गलतफहमी में मत रहिए, बंटेंगे तो कटेंगे। ये बांटने वाले लोग दुनिया के कई देशों में प्रॉपर्टी खरीदकर रखे हैं। ये इस सोच में हैं कि यहां संकट आएगा तो वहां चले जाएंगे। मरने वाले लोग मरते रहेंगे। दुश्मन बगल के देश बांग्लादेश में किस तरह का कृत्य कर रहे हैं। यहां भी ऐसे लोग हैं। याद रखना, 500 साल पहले बाबर के एक सिपहसलार ने जो काम अयोध्या में किया, जो संभल में किया और जो काम आज बांग्लादेश के अंदर हो रहा…तीनों की प्रकृति और DNA एक जैसा है।