वाराणसी: कथावाचक मोरारी बापू से सोमवार देर रात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुलाकात की। बंद कमरे में दोनों 10 मिनट साथ रहे। सूत्रों के अनुसार, सीएम योगी ने मुरारी बापू की पत्नी के निधन पर दु:ख जताया।
जानकारी के लिए बता दें कि मोरारी बापू की पत्नी का 12 जून को निधन हो गया था। इसके बाद वो 14 जून को काशी आए। यहां उन्होंने बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए। जलाभिषेक किया। इसके बाद उनका विरोध शुरू हो गया। वाराणसी में कथा के पहले दिन लोगों ने उनका पुतला फूंककर विरोध जताया था।
शंकराचार्य ने भी साधा निशाना
सोमवार को भी काशी के मछोदरी में स्थानीय लोगों ने मोरारी बापू का पुतला बनाकर दफन किया। हालांकि, मोरारी बापू ने काशी के संतों और विद्वत समाज से माफी मांग ली है, बावजूद इसके विवाद थम नहीं रहा है। अब ज्योर्तिमठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने मोरारी बाबू पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मोरारी बापू का व्यवहार रावण जैसी प्रवृत्ति का है। अपने शास्त्र का मोरारी बापू प्रमाण दें। सूतक में दर्शन-पूजन और कथा करना शास्त्र के खिलाफ है। अगर पश्चाताप नहीं किया तो यमराज दंड देंगे।
रविवार को रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में व्यासपीठ से मोरारी बापू ने माफी मांगी। उन्होंने कहा कि हम यहां आए। शिवजी के दर्शन करने गए। जल चढ़ाया और कथा गाने लगे। यह बात कई पूज्य चरणों और कई महापुरुषों को ठीक नहीं लगी। किसी को ठेस लगी हो तो मैं आप सबके प्रति क्षमा प्रार्थी हूं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि मेरे पास भी शास्त्र है, दिखा सकता हूं।